फंदे से लटकता मिला था शव
जानकारों का कहना है कि डॉ. शिवम मिश्रा का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला था। इसमें विभाग के बड़े अधिकारियों व स्टाफ नर्स की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे थे। उसने एससी-एसटी एक्ट का मामला पंजीबद्ध कराया था। आरोप है कि पुलिस व विभागीय अधिकारियों का लगातार दबाव बढऩे के कारण डॉ. मिश्रा को न्याय की उम्मीद कम थी।
जानकारों का कहना है कि डॉ. शिवम मिश्रा का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला था। इसमें विभाग के बड़े अधिकारियों व स्टाफ नर्स की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे थे। उसने एससी-एसटी एक्ट का मामला पंजीबद्ध कराया था। आरोप है कि पुलिस व विभागीय अधिकारियों का लगातार दबाव बढऩे के कारण डॉ. मिश्रा को न्याय की उम्मीद कम थी।
कार्यवाही पर सवाल
सवाल ये भी है कि आत्महत्या के लिए उन्होंने सुबह 10 बजे का समय ही क्यों चुना। इसे लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले में डॉ. शिवम के परिजन भी शुरू में ही चल रही जांच को लेकर प्रश्रचिन्ह लगा चुके हैं। उनके द्वारा बड़े अधिकारियों से भी मामले की सक्षम जांच कराने की मांग की गई थी।
सवाल ये भी है कि आत्महत्या के लिए उन्होंने सुबह 10 बजे का समय ही क्यों चुना। इसे लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले में डॉ. शिवम के परिजन भी शुरू में ही चल रही जांच को लेकर प्रश्रचिन्ह लगा चुके हैं। उनके द्वारा बड़े अधिकारियों से भी मामले की सक्षम जांच कराने की मांग की गई थी।
सीबीआइ जांच की मांग
विभागीय अमले का भी मानना है कि सच्चाई तभी उजागर हो सकती है, जब इसकी जांच बड़ी एजेंसी को सौंपी जाए। सीबीआई जांच को लेकर प्रशासन को कई बार ज्ञापन भी सौंपा गया। लेकिन आश्वासन ही मिला। जिला स्तर से सीबीआई जांच की अनुशंसा न होने के कारण यह लगभग अनिश्चितता के घेरे में है।
विभागीय अमले का भी मानना है कि सच्चाई तभी उजागर हो सकती है, जब इसकी जांच बड़ी एजेंसी को सौंपी जाए। सीबीआई जांच को लेकर प्रशासन को कई बार ज्ञापन भी सौंपा गया। लेकिन आश्वासन ही मिला। जिला स्तर से सीबीआई जांच की अनुशंसा न होने के कारण यह लगभग अनिश्चितता के घेरे में है।
सही तरीके से नहीं हो रही जांच
लोगों का मानना है कि जिला स्तर पर बड़े अधिकारियों के दबाव के चलते डॉ. शिवम मिश्रा के मौत के मामले की जांच सही तरीके से नहीं हो रही है। मजिस्ट्रेटियल जांच की जिम्मेदारी भी जिन्हे सौंपी गई थी। उनके द्वारा तत्परता पूर्वक अपनी जांच नही शुरू की गई। जिसके चलते मौके पर जो भी साक्ष्य मौजूद थे। उन्हे मिटाने के लिए इस षडयंत्र में शामिल लोगों को भरपूर समय जानबूझकर दिया गया है।
लोगों का मानना है कि जिला स्तर पर बड़े अधिकारियों के दबाव के चलते डॉ. शिवम मिश्रा के मौत के मामले की जांच सही तरीके से नहीं हो रही है। मजिस्ट्रेटियल जांच की जिम्मेदारी भी जिन्हे सौंपी गई थी। उनके द्वारा तत्परता पूर्वक अपनी जांच नही शुरू की गई। जिसके चलते मौके पर जो भी साक्ष्य मौजूद थे। उन्हे मिटाने के लिए इस षडयंत्र में शामिल लोगों को भरपूर समय जानबूझकर दिया गया है।
मोबाइल की काल डिटेल
डॉ. शिवम मिश्रा के मौैत के मामले की जंाच पुलिस द्वारा की जा रही है। विसरा को जहां प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा गया है वहीं उनके मोबाइल की काल डिटेल पर भी पुलिस मिले साक्ष्यों पर अपनी विवेचना को आगे बढ़ा रही है। साथ ही ऐसे सभी लोगो से अपील है कि यदि उनके पास मामले से जुड़े कोई भी साक्ष्य या क्लिप मौजूद है वह पुलिस को अविलंब उपलब्ध कराए।
सूर्यकांत शर्मा, एएसपी, सीधी
डॉ. शिवम मिश्रा के मौैत के मामले की जंाच पुलिस द्वारा की जा रही है। विसरा को जहां प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा गया है वहीं उनके मोबाइल की काल डिटेल पर भी पुलिस मिले साक्ष्यों पर अपनी विवेचना को आगे बढ़ा रही है। साथ ही ऐसे सभी लोगो से अपील है कि यदि उनके पास मामले से जुड़े कोई भी साक्ष्य या क्लिप मौजूद है वह पुलिस को अविलंब उपलब्ध कराए।
सूर्यकांत शर्मा, एएसपी, सीधी