बताया कि अल्पवर्षा के चलते ही सीधी को सूखा प्रभावित जिला घोषित किया गया है। बारिश न होने से खरीफ की ज्यादातर फसलें सूख गई थीं। इसके बाद भी खरीदी केंद्रों में धान की बंपर आवक संदेह के दायरे में है। जिला पंचायत सदस्य शेषमणि पनिका ने कहा कि कृषि विभाग का आंकड़ा ही बता रहा है कि जिले में दो लाख क्विंटल धान की पैदावार हुई है। फिर इससे ज्यादा धान समर्थन मूल्य पर कैसे खरीद ली गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कारोबारियों से सेटिंग कर यूपी और बिहार से धान की खेप मंगाई जाती है फिर उसी वाहन से खाद यूपी भेजी जा रही है। कृषि विभाग जान बूझकर अनजान बना हुआ है।
इधर, सभापति मनोज भारती ने विभाग पर प्रदर्शन बीज के नाम पर किसानों से मनमानी वसूली का आरोप लगाया। कहा, सिहावल, रामपुर नैकिन, कुसमी व मझौली ब्लॉक में धान प्रदर्शन बीज की बिक्री 200 रुपए क्विंटल की दर से की गई है, जबकि सीधी ब्लॉक के किसानों से इसके लिए तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल वसूले गए। उन्होंने मामले की जांच कराने का प्रस्ताव रखा। खरीफ व रबी सीजन में मिनी किट में भी भर्रेशाही करने का आरोप लगाया गया। जहां किसानों को मुफ्त में वितरित करना था, लेकिन रुपए वसूलकर किट का वितरण किया गया।
गायब हो गया सभापति का एजेंडा
जिला व जनपद की सामान्य सभा व सामान्य प्रशासन समिति की बैठक का एजेंडा का निर्धारण जिला या जनपद अध्यक्ष द्वारा किया जाता है। इसी प्रकार समितियों के एजेंडे का सभापति द्वारा निर्धारित किया जाता है। कृषि समिति की बैठक के लिए सभापति मनोज भारती ने एजेंडा जारी किया था, लेकिन उपसंचालक केके पांडेय ने उनका एजेंडा गायब कर बैठक के लिए नए बिदु शामिल कर दिए गए। हालांकि, समिति सदस्यों ने इसका विरोध किया।
समदा फार्म में लापरवाही का मामला
समदा फार्म में लापरवाही के कारण घुन गए बीज की विक्री चोरी-छिपे करने का मामला बैठक में गूंजा। कृषि विशेषज्ञ उमेश सिंह चौहान ने कहा कि जिला मुख्यालय के मंडी में बीज की नीलामी का स्थल निर्धारित किया गया था किंतु सीधी मे बीच न भेजकर ज्यादा खर्च लगाते हुए रामपुर नैकिन के एक ब्यापारी के घर बीज पहुंचा दिया गया, जिसकी नीलामी नहीं की गई, इसमें विभाग की मिलीभगत का आरोप लगाया गया।
विस्तार अधिकारी को कार्यालय अटैच
कृषि विस्तार अधिकारी शिवबहोर पटेल को कार्यालय में अटैच किया गया है। जबकि, निर्देश हैं कि कृषि विस्तार अधिकारी फील्ड के कर्मी हैं, किसी स्थिति में कार्यालय अटैच नहीं किया जा सकता। सदस्यों ने इनके जुलाई से दिसंबर तक दौरा डायरी व वेतन भुगतान का ब्यौरा मांगा है। वहीं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत पदस्थ कर्मचारियों का दौरा डायरी पांच माह की मांग की गई।