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Election 2019: सीधी लोकसभा चुनाव में ये है कांग्रेस और भाजपा के सियासी दांव पेंच

सीधी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र: 6 बार के विधायक और एक बार के मंत्री के सामने दूसरी बार मैदान पर रीती पाठक

सीधीApr 13, 2019 / 04:02 pm

suresh mishra

Election 2019: ajay singh and riti pathak contest from Sidhi

Election 2019: ajay singh and riti pathak contest from Sidhi

सीधी। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी आमने-सामने आ चुके हैं। दोनों उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं। 29 अप्रैल का सीधी संसदीय में चुनाव होंगे। लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो सीधी जिले की चार विधानसभा और सिंगरौली जिले की तीन विधानसभाओं सहित शहडोल जिले की ब्यौहारी विधानसभा शामिल है। अगर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह की बात करें तो वह अब तक 6 बार विधायक, एक बार मंत्री, 2 बार नेता प्रतिपक्ष रह चुके है। जबकि भाजपा प्रत्याशी रीती पाठक के पास सिर्फ एक बार सांसद बनने का अनुभव है। फिर भी भाजपा प्रत्याशी जहां कांग्रेस प्रत्याशी पर दमदारी का आरोप लगा रही हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा पांच साल में भाजपा प्रत्याशी पर विकास न करने का आरोप लगाकर चुनाव मैदान में हैं।
अजय सिंह की राजनीतिक पारी
1983 से राजनीति में कदम रखा। चुरहट उपचुनाव में पहली बार 1985 में विधायक बने। फिर 1990, 1998, 2003, 2008, 2013 में विधायक चुने गए। 2018 विधानसभा चुनाव मे हार का सामना करना पड़ा। 1993 में सुंदरलाल पटवा के खिलाफ भोजपुर से चुनाव लड़े पर हार गए। अजय सिंह के दादा विंध्य प्रदेश में मंत्री, पिता स्वर्गीय अर्जुन सिंह तीन बार मप्र के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, पंजाब के राज्यपाल रह चुके है।
दूसरी बार मैदान में रीती पाठक
रीति पाठक को वर्ष 2014 में भाजपा द्वारा सीधी संसदीय क्षेत्र में पहली बार बतौर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा गया था। जिसमें वे एक लाख आठ हजार से ज्यादा मतों से कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रजीत कुमार को पराजित कर सांसद निर्वाचित हुईं। यही कारण है कि भाजपा ने दूसरी बार भी इन पर विश्वास जताया है। रीति पाठक की स्वयं की मेहतन व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच पैठ का लाभ टिकट दिलवाने में मिला है। सांसद रीति पाठक का परिवार राजनीति से दूर रहा है, वह पहली बार पंचायती चुनाव में आईं और पहली बार वह जिला पंचायत अध्यक्ष के रास्ते लोकसभा के सदन तक पहुंचने में कामयाब रहीं।
जाति का गणित
– गोंड़- 37 प्रतिशत
– ओबीसी 28 प्रतिशत
– एससी 13 प्रतिशत
– ब्राह्मण 09 प्रतिशत
– क्षत्रिय 07 प्रतिशत
– अल्पसंख्यक 3.2 प्रतिशत

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