बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के जनकपुर परिक्षेत्र के जंगलों में विचरण करते हुए जंगली हाथियों का यह झुंड फिर मध्यप्रदेश अंतर्गत शहडोल जिले के वन परकिक्षेत्र अमझोर पहुंच गया। जहां चितरांव गांव के पास महुआ फूल चुनने गए एक दंपत्ति को हाथियों के झुंड द्वारा कुचल दिया गया। जिससे पति-पत्नी दोनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई है। इस हादसे के बाद एक बार फिर सीमा क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में आ गए हैं, उन्हें डर है कहीं हाथियों का झुंड फिर संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र की ओर न रुख कर ले।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार की दरमियानी रात तकरीबन 12 बजे सात हाथियों का झुंड चितरांव गांव के पास ग्रामीणों के द्वारा देखा गया था। मंगलवार को सुबह तकरीबन 5 बजे मोतीलाल बसोर अपनी पत्नी मुलिया बाई के साथ महुआ फूल चुनने गया था। इसी दौरान हाथियों के झुंड से सामना हो गया। हाथियों के झुंड द्वारा दोनों पति-पत्नी को पैरों तले रौंद दिया। जिससे दोनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। आनन-फानन में घटना की सूचना ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग एवं पुलिस विभाग को दी गई। सूचना उपरांत वन परिक्षेत्र अधिकारी अमझोर, जयसिंह नगर एवं सीधी सहित जय सिंह नगर थाना प्रभारी दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर मौका मुआयना करते हुए पंचनामा आदि की कार्रवाई उपरांत पीएम कराया।
कराई जा रही मुनादी
ह्वथियों द्वारा दो लोगों को मौत के घाट उतार देने के बाद आस-पास के गांव के ग्रामीणों में काफी दहशत देखी जा रही है। लिहाजा वन एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा गांव में मुनादी कराई जा रही है। जिससे ग्रामीण जंगल में प्रवेश ना करें। इतना ही नहीं महुआ फूल का सीजन होने के कारण ग्रामीणों को जंगल में प्रवेश नहीं करने की समझाइश भी आला अधिकारियों द्वारा दी जा रही है। हाथियों के झुंड में दो शावकों सहित सात की संख्या बताई जा रही है। लिहाजा हाथियों का झुंड अधिक संवेदनशील दिख रहा है।