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प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बढ़ौरा शिवमंदिर में हो रही अवैध वसूली

locationसीधीPublished: Jun 13, 2019 05:19:48 pm

Submitted by:

op pathak

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बढ़ौरा शिवमंदिर में हो रही अवैध वसूली, मुंडन, कथा सहित अन्य संस्कारों पर वसूला जा रहा मनमाना शुल्क, फुटपाथी दुकानों से भी हो रही मनमानी बैठकी वसूली, धार्मिक स्थल में वर्षों से लुट रहे श्रद्धालु, न ट्रस्ट गठित है न ही किसी प्रकार की समिति, फिर भी चल रहा खेल, लाखों की वसूली के बाद भी व्यवस्थाओं पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

सीधी। जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बढ़ौरा शिवमंदिर में आस्था के नाम पर खुली लूट चल रही है। यहां न तो कोई ट्रस्ट गठित है और न ही किसी प्रकार की समिति। इसके बावजूद कथा सुनने, मुंडन करवाने व कनछेदन करवाने के लिए १०० रूपए शुल्क वहां सक्रिय कुछ लोगों को देना पड़ता है। वसूली करने वाले वाले लोगों द्वारा इसकी कोई रसीद भी नहीं दी जाती, बल्कि एक रजिस्टर में नोट कर लिया जाता है, १०० रूपए शुल्क कथा सुनाने वाले पंडितो पुरोहितों से प्रति कथा के हिसाब से लिया जाता है, जो पंडित पुरोहित संबंधित कथा सुनने वाले व्यक्ति या परिवार से वसूलते हैं। इसी प्रकार वसूली मुंडन करने वाले नापित व कनछेदन करने वाले सुनार से भी की जाती है। इसके अलावा पंडित, नापित व सुनार का चार्ज अलग से देना पड़ता है। यह वसूली कोई अभी नहीं बल्कि वर्षों से जारी है, लोग आस्था के नाम पर लुट रहे हैं, लेकिन यह वसूली कौन कर रहा है और किस आधार पर कर रहा है यह स्पष्ट बताने वाला कोई नहीं है। बताया जाता है कि एक समूह में करीब एक दर्जन लोग इसमें सक्रिय है जो सरहंगई पूर्वक इस प्रकार की वसूली कर रहे हैं, जिसका किसी प्रकार का कोई मापदंड भी निर्धारित है। जानकारों की माने तो किसी धार्मिक स्थल पर इस तरह की वसूली ट्रस्ट के माध्यम से ही की जा सकती है, जिसकी बकायदा रसीद भी दी जानी चाहिए, लेकिन यहां सब मनमानी पूर्वक चल रहा है।
दुकानों की बैठकी के नाम पर भी मनमानी वसूली-
ऐसा नहीं है कि यहां वसूली के लिए सक्रिय लोगों द्वारा केवल कथा, मुंडन संस्कार व कनछेदन संस्कार मे ही वसूली की जा रही है। बढ़ौरा मंदिर परिषर में लगने वाले मेेले के दौरान जो फुटपाथी दुकाने सजती हैं उनकी भी वसूली मनमाने तरीके से की जाती है। एक माह के मेले के लिए १५ बाई १५ की फुटपाथी दुकान के लिए करीब १६ हजार रूपए की वसूली की जाती है। इसी तरह दुकान की साइज के हिसाब से बैठकी की वसूली की जा रही है, जिसकी व्यापारियों को जय बढ़ौरा नाथ दुकान बैठकी के नाम से रसीद भी उपलब्ध कराई जाती है।
माह भर में हो जाती है लाखों की वसूली-
अधिमास व सावन माह, महाशिरात्रि मे प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण बढ़ौरा शिव मंदिर पहुंच रहे हैंं, जिसमें कई लोगों द्वारा मंदिर परिषर में कथा सुनने के अलावा मुंडन व कनछेदन संस्कार भी कराए जाते हैं, जिनसे प्रति व्यक्ति १०० रूपए के हिसाब से वसूली की जाती है, इसी तरह करीब एक सैकड़ा से अधिक व्यापारियों द्वारा मंदिर परिषर में मुख्य द्वार से लेकर मंदिर प्रांगण तक एक सैकड़ा से अधिक दुकाने माह भर के लिए सजाई जाती है, जिसकी वसूली लाखों में की गई है। दुकान बैठकी की बकायदा रसीद भी व्यापारियों को उपलब्ध कराई गई है।
वसूली लाखों में व्यवस्थाएं सिफर-
स्थानीय व्यापारी व मंदिर परिषर में कथा सुनाने वाले पंडित पुरोहित बताते हैं कि यहां बैठकी के नाम पर वसूली तो बिना ट्रस्ट व समिति के की जा रही है, जो लाखों में होती है, लेकिन मंदिर में लोगों की सुविधाओं के नाम पर भी यह राशि खर्च नहीं की जाती। जिससे यहां विशेष अवसरों पर पहुंचने वाले भक्तों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
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