हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि प्रदेश की सभी जेलों में यही स्थिति है। पडऱा स्थित जिला जेल में 190 कैदी रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में यहां 298 कैदी बंद हैं। इनमें से 214 पुरुष और 3 महिला विचाराधीन बंदी व 76 पुरुष व 2 महिला दंडित कैदी शामिल हैं। बंदिया की संख्या क्षमता से दोगुनी होने के कारण जेल अधीक्षक को यहां व्यवस्था बनाने में काफी परेशान होना पड़ रहा है। जिला जेल में आठ बैरक हैं। 1 बैरक में 40-45 कैदी रखने पड़ते हैं।
जेल में इन सुविधाओं की दरकार
जिला जेल पडऱा सीधी का जब से निर्माण हुआ उसके बाद लगातार कैदियों की संख्या तो बढ़ी, किंतु यहां सुविधाओं का विस्तार नहीं किया गया। ऐसी स्थित में कैदियों की संख्या को देखते हुए इनके विस्तार की आवश्यकता महसूस हो रही है। यद्यपि शासन ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से अब तक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाईं।
जिला जेल पडऱा सीधी का जब से निर्माण हुआ उसके बाद लगातार कैदियों की संख्या तो बढ़ी, किंतु यहां सुविधाओं का विस्तार नहीं किया गया। ऐसी स्थित में कैदियों की संख्या को देखते हुए इनके विस्तार की आवश्यकता महसूस हो रही है। यद्यपि शासन ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से अब तक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाईं।
दो बैरक का निर्माण कराया बताया गया, पडऱा जेल में कैदियों की संख्या को देखते हुए दो बैरक का निर्माण कराया गया है, लेकिन ठेकेदार ने अब तक इन्हें जेल प्रशासन के सुपुर्द नहीं किया। वहीं जेल में एक बैरक से दूसरे बैरक तक जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है। जिसके चलते बरसात के मौसम में समस्या होती है।
बस मंजूरी का इंतजार कैदियों के वस्त्र रखने के लिए बैरक के बीच में कमरे, कैदियों के रेकॉर्ड या बंदी टिकट को व्यवस्थित रखने के लिए कक्ष, स्टाफ क्वार्टर, अलग विद्युत फीडर की व्यवस्था बनाने की दरकार बनी हुई है। इनमें से ज्यादातर निर्माण कार्य के प्रस्ताव बनाकर जेल अधीक्षक ने शासन स्तर पर भेज दिए हैं, बस मंजूरी का इंतजार है।
सिंगरौली स्थानांतरित हुई 15 महिला कैदी
पूर्व में सिंगरौली की पचौर जेल में महिला कैदियों के लिए वार्ड नहीं बना था, जिस कारण सीधी की पडऱा जेल में महिला बंदियों को रखा जाता था। हाल ही में पचौर जेल में महिला बैरक का निर्माण करा दिया गया है। ऐसी स्थिति में पडऱा जेल से 15 महिला कैदियों को सिंगरौली जेल में स्थानांतरित किया जा चुका है। जिससे पडऱा जेल को हद तक कैदियों की भीड़ से निजात मिली है।
पूर्व में सिंगरौली की पचौर जेल में महिला कैदियों के लिए वार्ड नहीं बना था, जिस कारण सीधी की पडऱा जेल में महिला बंदियों को रखा जाता था। हाल ही में पचौर जेल में महिला बैरक का निर्माण करा दिया गया है। ऐसी स्थिति में पडऱा जेल से 15 महिला कैदियों को सिंगरौली जेल में स्थानांतरित किया जा चुका है। जिससे पडऱा जेल को हद तक कैदियों की भीड़ से निजात मिली है।
जल्द शुरू होगी बीएनएच सेवा
पडऱा जेल में बीएनएच सेवा शुरू होने वाली है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के दौरान अनुमति मिल चुकी है। यह सुविधा शुरू होने के बाद कैदियों से मिलने आने वाले लोगों की वार्तालाप सीधी नहीं, बल्कि दूरभाष से हो पाएगी। इसके लिए कांच का एक कक्ष बनाया जाएगा। जहां मुलाकात के लिए आने वाले परिजनों को बैठाया जाएगा। कांच वाले कक्ष के अंदर कैदी होगा, उससे दूरभाष से कैदियों की बात हो पाएगी।
पडऱा जेल में बीएनएच सेवा शुरू होने वाली है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के दौरान अनुमति मिल चुकी है। यह सुविधा शुरू होने के बाद कैदियों से मिलने आने वाले लोगों की वार्तालाप सीधी नहीं, बल्कि दूरभाष से हो पाएगी। इसके लिए कांच का एक कक्ष बनाया जाएगा। जहां मुलाकात के लिए आने वाले परिजनों को बैठाया जाएगा। कांच वाले कक्ष के अंदर कैदी होगा, उससे दूरभाष से कैदियों की बात हो पाएगी।
हर जेल में है समस्या
क्षमता से अधिक कैदी रखे जाने वाली समस्या सीधी ही नहीं देश के लगभग सभी जेलों में हैं। जहां तक व्यवस्थाओं में सुधार की बात है जब से पदस्थ हुआ हूं व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में ही लगा हूं। जेल के बंद सीसीटीवी कैमरों को ठीक कराया जा रहा है। साथ ही भवन निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।
कुलवंत सिंह धुर्वे, जेल अधीक्षक, जिला जेल सीधी
क्षमता से अधिक कैदी रखे जाने वाली समस्या सीधी ही नहीं देश के लगभग सभी जेलों में हैं। जहां तक व्यवस्थाओं में सुधार की बात है जब से पदस्थ हुआ हूं व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में ही लगा हूं। जेल के बंद सीसीटीवी कैमरों को ठीक कराया जा रहा है। साथ ही भवन निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।
कुलवंत सिंह धुर्वे, जेल अधीक्षक, जिला जेल सीधी