scriptशाम 6 बजे से रात 12 बजे तक मेडिकल परीक्षण के लिए भटकती रही नाबालिग बलात्कार पीडि़ता | From 6 pm to 12 pm, minor rape victims wandering for medical examinati | Patrika News

शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक मेडिकल परीक्षण के लिए भटकती रही नाबालिग बलात्कार पीडि़ता

locationसीधीPublished: Oct 18, 2019 02:43:20 pm

Submitted by:

Manoj Kumar Pandey

जिला अस्पताल में महिला चिकित्सक की लापरवाही से परेशान होती रही पीडि़ता की विधवा मां, १7 वर्षीया बलात्कार पीडि़ता को लेकर मेडिकल परीक्षण कराने पुलिस के साथ आई थी विधवा मां

From 6 pm to 12 pm, minor rape victims wandering for medical examinati

From 6 pm to 12 pm, minor rape victims wandering for medical examinati

सीधी। सत्रह साल की एक नाबालिग लड़की का बलात्कार कर पीडि़ता अपने मां के साथ 70 किमी दूर से जिला अस्पताल पहुंची, लेकिन वहां उसे मेडिकल परीक्षण के लिए छ: घंटे से अधिक समय तक परेशान होना पड़ा। बुधवार की शाम करीब 6 बजे जिला अस्पताल पहुंचने के बाद पीडि़ता छ: घंटे तक डॉक्टर का इंतजार करती रही। लेकिन ड्यूटी में तैनात महिला चिकित्सक द्वारा यह कहकर मेडिकल परीक्षण करने से इंकार कर दिया गया कि उसे एमएलसी करने का पॉवर नहीं है। लिहाजा पीडि़ता एवं उसकी मां इधर उधर भटकती रही, बाद में इसकी सूचना कलेक्टर को दी गई, कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी द्वारा मामले के संबंध में सिविल सर्जन डॉ.एसबी खरे से चर्चा कर पीडि़ता का तत्काल मेडिकल परीक्षण कराए जाने के निर्देश दिए गए, जिस पर सिविल सर्जन डॉ.खरे द्वारा दूसरी महिला चिकित्सक को बुलवाकर पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण कराया गया। अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही के कारण पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण रात करीब 12 बजे हो पाया।
घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार भुईमाड़ थाना क्षेत्र की एक १७ वर्षीया किशोरी के साथ गांव के ही संदीप पिता कबीरदास गुप्ता द्वारा सूने घर में घुसकर पीडि़ता के साथ जबरन बलात्कार किया गया। पीडि़ता के अनुसार घटना के समय उसकी मां बाजार गई हुई थी, तथा छोटा भाई ङ्क्षसगरौली गया था, शाम करीब ६.३० बजे आरोपी घर के पीछे की बाउंड्री कूदकर घर में प्रवेश और उसे पीछे से पकड़कर जमीन में पटकते हुए बलात्कार किया। पीडि़ता के हल्ला गुहार करने पर उसकी चाचा दौड़कर आए तो आरोपी वहां से भाग गया। पीडि़ता की मां जब बाजार से घर वापस लौटी तो पीडि़ता घटना की जानकारी उसे दी गई। अगली सुबह पीडि़ता मां के साथ जिला मुख्यालय स्थित महिला प्रकोष्ट पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई जहां महिला पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध भादवि की धारा ४५६,३७६ तथा ३/४ पाक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।
दूसरी महिला चिकित्सक को आना पड़ा-
बताया गया कि पुलिस के साथ मेडिकल परीक्षण कराने जिला अस्पताल पहुंची पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण करने से ड्यूटी में तैनात महिला चिकित्सक डॉ.प्रभा तिवारी द्वारा इनकार कर दिया गया। काफी इंतजार के बाद जब पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण नहीं हुआ तो इसकी जानकारी पीडि़ता की मां द्वारा कलेक्टर को फोन पर दी गई। जिस पर कलेक्टर द्वारा सिविल सर्जन को पीडि़ता का तत्काल मेडिकल परीक्षण कराने के निर्देश दिए गए। जिस पर सिविल सर्जन द्वारा पहले तो ड्यूटी में तैनात महिला चिकित्सक डॉ.प्रभा तिवारी से चर्चा की गई, लेकिन जब उन्होंने न नुकूर किया तो वाहन भेजकर डॉ.रश्मि सोनी बुलवाकर पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण कराया।
सूचना मिलने के तत्काल बाद बनाई गई व्यवस्था-
मुझे तो पहले इस मामले की जानकारी ही नहीं थी, मुझे कलेक्टर द्वारा सूचना मिली तो मैंने पहले तो डॉ.प्रभा तिवारी से संपर्क किया, बाद में वाहन भेजकर डॉ.रश्मि सोनी को बुलवाया और तत्काल पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण कराया।
डॉ.एसबी खरे
सिविल सर्जन, जिला अस्पताल सीधी
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