सीधी

परिवार नियोजन में फिसड्डी जिला, 6 माह मे दो प्रतिषत भी पूरा नहीं हुआ लक्ष्य

जिले के छ: सेंटरों में से चार में जीरो प्रतिषत उपलब्धि, ऐसे में कैसे पूरा होगा जनसंख्या नियंत्रणीकरण का सपना, शेष बचे छ: माह में 99 फीसदी लक्ष्य पूरा करना विभाग के लिए बड़ी चुनौती, समीक्षा बैठक में कलेक्टर द्वारा स्वास्थ अधिकारियों को लगाई जा चुकी है फटकार

सीधीOct 11, 2019 / 12:28 pm

Manoj Kumar Pandey

Frustrated district in family planning, not even 2 of target in 6 mont

सीधी। जनंसख्या नियंत्रण को लेकर सरकार के लाख प्रयास के बाद भी विभाग उस लक्ष्य को हासिल करने में विफल साबित हो रहा है। सीधी जिले को परिवार नियोजन के क्षेत्र में मिले लक्ष्य को विभाग किसी भी कीमत पर पूरा नहीं कर पा रहा है। इसे विभाग की लापरवाही कहें या लोगों में जागरूकता का अभाव, कारण जो भी हो, पर हकीकत यह है कि स्वास्थ्य विभाग चालू वित्तीय वर्ष का छ: माह बीतने के बाद भी का लक्ष्य से कोसो दूर है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार छ: माह बीतने के बाद अब तक विभाग मात्र 1.58 प्रतिशत ही लक्ष्य हासिल कर सका है। अब विभाग के पास शेष बचे छ: माह में करीब 99 प्रतिषत लक्ष्य पूरा करना है, जो एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है। हलांकि विभागीय अधिकारी यह दावा करते हैं कि ठंड के मौसम में नसबंदी आपरेशन करना ज्यादा सुरक्षित रहता है, इसलिए ठंड के मौसम में ही नसबंदी ऑपरेशनों में तेजी आती है, इसके साथ ही ऑपरेशन के लिए शिविरों का आयोजन भी ठंड के मौसम में ज्यादा किया जाता है। लेकिन विभाग के इन दावों की पोल खुल जाती है जब ठंड का मौसम समाप्त हो जाता है और आपरेशन का लक्ष्य पचास फीसदी के अंदर ही सिमट कर रह जाता है।
छ: माह बीते, कई सेंटरों में नहीं हुआ श्रीगणेश-
जिले के स्वास्थ अधिकारी भले ही ठंड के मौसम में लक्ष्यपूर्ति की बात करता हों, लेकिन शासन स्तर से जो लक्ष्य निर्धारित किया जाता है वह मासिक आधार पर निर्धारित होता है, इसके बावजूद यहां ठंड के मौसम में शिविरों का आयोजन किया जाकर लक्ष्य पूर्ति की बात की जाती है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के छ: माह बीत जाने के बाद भी जिले के कई विकासखंडों में नसबंदी लक्ष्य का प्रतिशत जीरो है। आंकड़ों की बात करें तो महज जिला अस्पताल सीधी में लक्ष्य के विरू द्ध अब तक 30.52 फीसदी नसबंदी ऑपरेशन हो पाए हैं। वहीं रामपुर नैकिन विकासखंड में 0.93 व सिहावल विकासखंड में 0.04 फीसदी ऑपरेशन हुए हैं जो लक्ष्य विरूद्ध लगभग न के बराबर हैं। वहीं सेमरिया, मझौली व कुसमी में अभी तक श्रीगणेश ही नहीं हुआ है।
नसबंदी कराने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि-
परिवार कल्याण के तहत शासन की ओर से अधिक से अधिक नसबंदी कराने के उद्देश्य से हितग्राही और प्रेरक को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। महिलाओं को नसबंदी ऑपरेशन पर 2 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहीं प्रसव के बाद नसबंदी कराने वाली महिला को तीन हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वहीं पुरुषों को नसबंदी कराने पर तीन हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यदि ऑपरेशन फेल होता है तो हितग्राही महिला को जांच के बाद 30 हजार रुपए दिए जाते हैं।
लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद नहीं सुधर रही स्थिति-
जनसंख्या स्थरीकरण को लेकर परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा स्वास्थ विभाग के मार्फत प्रति वर्ष बड़ी धनराशि खर्च की जा रही है, जिसमें जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही इसका प्रचार-प्रशार शामिल है। इसके साथ पुरूष और महिला नसबंदी पर हितग्राहियों के साथ प्रेरक को भी प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण विगत कई वर्षों से स्वास्थ विभाग लक्ष्य के विरूद्ध पचास फीसदी का आंकड़ा पार नहीं कर पा रहा है। करीब एक पखवाड़े पूर्व स्वास्थ विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने परिवार नियोजन कार्यक्रम में लक्ष्य के विरूद्ध कमजोर उपलब्धि पर विभागीय अधिकारियों के फटकार भी लगाई थी।
विकासखंडवार लक्ष्य एवं नसबंदी आपरेशन की स्थिति-
ब्लाक- लक्ष्य -उपलब्धि -प्रतिशत
जिला अस्पताल -485- 148- 30.52
सेमरिया- 2570-00-00
मझौली- 1449-00-00
रामपुर नैकिन -2322-09-0.39
कुसमी -782-00-00
सिहावल- 2392-01-0.04
कुल-10,000-158- 1.58
नोट- यह आंकड़े 1 अप्रैल 2019 से 7 अक्टूबर 2019 तक के हैं।
अभियानों की रही है व्यस्तता-
लगातार अभियानों की व्यस्तता के कारण परिवार नियोजन का कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। लेकिन अब ठंड के मौसम में शिविरों का आयोजन कर इसमें तेजी लाई जाएगी। प्रयाश है कि ठंड के चार महीनों में अधिक से अधिक लक्ष्य पूर्ण कर लिया जाए।
डॉ.आरएल वर्मा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी, सीधी
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