दरअसल, वेटेज के आधार पर जिले के स्कोर में लगातार सुधार हो रहा है। यही कारण है कि प्रदेशभर में जिले का परिणाम सकारात्क आया। संभाग में जिला दूसरे स्थान पर है जबकि सिंगरौली की उपलब्धि प्रथम पायदान पर है। सतना 21 वें एवं रीवा 23वें पायदान पर है।
फटकार के बाद काम में तेजी
कलेक्टर ने आम लोगों से प्राप्त होने वाली शिकायतों को प्राथमिकता से निराकृत कराने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी। लगातार फटकारों के बाद सार्थक नतीजे सामने आए हैं। करीब 60 फीसदी शिकायतों का सार्थक निराकरण हो जाने के चलते प्रदेश के प्रथम समूह में शामिल 26 जिलों में सीधी की उपलब्धि सातवें स्थान पर दर्ज हुई।
कलेक्टर ने आम लोगों से प्राप्त होने वाली शिकायतों को प्राथमिकता से निराकृत कराने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी। लगातार फटकारों के बाद सार्थक नतीजे सामने आए हैं। करीब 60 फीसदी शिकायतों का सार्थक निराकरण हो जाने के चलते प्रदेश के प्रथम समूह में शामिल 26 जिलों में सीधी की उपलब्धि सातवें स्थान पर दर्ज हुई।
ऐसी-ऐसी शिकायतें
जिले में सर्वाधिक शिकायतें ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचती हैं। इनमें जमीनी विवाद, पंचायत से जुड़ी शिकायतों के साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली, हैंडपंप से संबंधित शिकायतें होती हैं। कलेक्टर के पास पहुंचने वाली शिकायतें भी इसी मामले को लेकर ज्यादा रहती हैं। बड़े अधिकारी शिकायतों को निराकरण के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के पास भेज देते हैं। बाद में कई अधिकारी शिकायतों के निराकरण को लेकर गंभीर नहीं होते। यह लापरवाही सीधी जिले में लंबे अर्से से चली आ रही थी। कलेक्टर दिलीप कुमार द्वारा शिकायतों के निराकरण न होने पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई गई। नतीजा यह हुआ कि फाइलों में कैद होने वाली शिकायतों को बाहर निकालकर निराकरण कराने का प्रयास शुरू कर दिए।
जिले में सर्वाधिक शिकायतें ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचती हैं। इनमें जमीनी विवाद, पंचायत से जुड़ी शिकायतों के साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली, हैंडपंप से संबंधित शिकायतें होती हैं। कलेक्टर के पास पहुंचने वाली शिकायतें भी इसी मामले को लेकर ज्यादा रहती हैं। बड़े अधिकारी शिकायतों को निराकरण के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के पास भेज देते हैं। बाद में कई अधिकारी शिकायतों के निराकरण को लेकर गंभीर नहीं होते। यह लापरवाही सीधी जिले में लंबे अर्से से चली आ रही थी। कलेक्टर दिलीप कुमार द्वारा शिकायतों के निराकरण न होने पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई गई। नतीजा यह हुआ कि फाइलों में कैद होने वाली शिकायतों को बाहर निकालकर निराकरण कराने का प्रयास शुरू कर दिए।
एक जून से 20 जुलाई तक की स्थिति
प्रदेश में 1 जून 2018 से 20 जुलाई 2018 की स्थिति में जिलों की शिकायतों के निराकरण को लेकर की गई गे्रडिंग में जिला सातवें स्थान पर रहा। इस अवधि में सीधी जिले में 3 हजार 50 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका संतुष्टि के साथ निराकरण 30.26 प्र्रतिशत रहा। 100 दिवस से अधिक लंबित शिकायतें 3.61 प्रतिशत, निम्र गुणवत्ता से बंद शिकायतों का वेटेज 9.58 प्रतिशत, नाट अटेंडेंट शिकायतों का वेटेज 18.09 प्रतिशत रहा है। इस प्रकार जिले का कुल वेटेज स्कोर 61.4 प्रतिशत रहा। शिकायतों के निराकरण में सीधी की रेटिंग ए है। ए रेटिंग में कुल 10 जिले शामिल हैं। इनमें सिंगरौली, इंदौर, देवास, जबलपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सीधी, सिवनी, सीहोर एवं सागर हैं। वेटेज के आधार पर प्रथम समूह में प्रदेश के 26 जिले शामिल किए गए हैं। जबकि द्वितीय समूह में 25 जिले शामिल हैं।
प्रदेश में 1 जून 2018 से 20 जुलाई 2018 की स्थिति में जिलों की शिकायतों के निराकरण को लेकर की गई गे्रडिंग में जिला सातवें स्थान पर रहा। इस अवधि में सीधी जिले में 3 हजार 50 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका संतुष्टि के साथ निराकरण 30.26 प्र्रतिशत रहा। 100 दिवस से अधिक लंबित शिकायतें 3.61 प्रतिशत, निम्र गुणवत्ता से बंद शिकायतों का वेटेज 9.58 प्रतिशत, नाट अटेंडेंट शिकायतों का वेटेज 18.09 प्रतिशत रहा है। इस प्रकार जिले का कुल वेटेज स्कोर 61.4 प्रतिशत रहा। शिकायतों के निराकरण में सीधी की रेटिंग ए है। ए रेटिंग में कुल 10 जिले शामिल हैं। इनमें सिंगरौली, इंदौर, देवास, जबलपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सीधी, सिवनी, सीहोर एवं सागर हैं। वेटेज के आधार पर प्रथम समूह में प्रदेश के 26 जिले शामिल किए गए हैं। जबकि द्वितीय समूह में 25 जिले शामिल हैं।
सबसे कम शिकायतें
प्रदेश के प्रथम समूह में शामिल 26 जिलो में सबसे कम शिकायतें सीधी जिले में ही करीब डेढ़ महीनें में दर्ज हुई हैं। जिले में महज 3 हजार 50 शिकायतें ही दर्ज हुई हैं। जबकि टाप टेन में शामिल जिलों में प्राप्त शिकायतों पर नजर दौड़ाई जाए तो सिंगरौली में 3 हजार 637, इंदौर में 9 हजार 152, देवास में 4 हजार 502, जबलपुर में 6 हजार 153, छिंदवाड़ा में 3 हजार 974, उज्जैन में 4 हजार 685, सीधी में 3 हजार 50, सिवनी में 4 हजार 328, सिहोर में 4 हजार 508, सागर में 7 हजार 447 दर्ज हुई हैं।
प्रदेश के प्रथम समूह में शामिल 26 जिलो में सबसे कम शिकायतें सीधी जिले में ही करीब डेढ़ महीनें में दर्ज हुई हैं। जिले में महज 3 हजार 50 शिकायतें ही दर्ज हुई हैं। जबकि टाप टेन में शामिल जिलों में प्राप्त शिकायतों पर नजर दौड़ाई जाए तो सिंगरौली में 3 हजार 637, इंदौर में 9 हजार 152, देवास में 4 हजार 502, जबलपुर में 6 हजार 153, छिंदवाड़ा में 3 हजार 974, उज्जैन में 4 हजार 685, सीधी में 3 हजार 50, सिवनी में 4 हजार 328, सिहोर में 4 हजार 508, सागर में 7 हजार 447 दर्ज हुई हैं।
प्रथम समूह के टॉप-10 जिलों का वेटेज स्कोर
– जिला प्राप्त वेटेज शिकायतें स्कोर
-सिंगरौली 3,637 74.94
-इंदौर 9,152 64.76
-देवास 4,502 63.38
-जबलपुर 6,153 62.24
-छिंदवाड़ा 3,974 61.82
-उज्जैन 4,685 61.69
-सीधी 3,050 61.54
-सिवनी 4,328 61.16
-सीहोर 4,508 60.78
-सागर 7,447 60.66
– जिला प्राप्त वेटेज शिकायतें स्कोर
-सिंगरौली 3,637 74.94
-इंदौर 9,152 64.76
-देवास 4,502 63.38
-जबलपुर 6,153 62.24
-छिंदवाड़ा 3,974 61.82
-उज्जैन 4,685 61.69
-सीधी 3,050 61.54
-सिवनी 4,328 61.16
-सीहोर 4,508 60.78
-सागर 7,447 60.66