जीएसटी टीम प्रमुख के अनुसार श्याम ट्रेडर्स से विभिन्न ग्राम पंचायतों में सामग्री सप्लाई की गई है। पंचायतों ने उनके खाते में राशि भी भेजी लेकिन कई वर्षों से संचालक द्वारा जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया। कमिश्नर की अनुमति के बाद पुलिस बल मझौली के सहयोग से श्याम ट्रेडर्स के यहां छापेमारी की गई। उसे चेताया गया कि यदि 3 माह के अंदर इस राशि का भुगतान कर दिया जाता है तो 15 प्रतिशत सर चार्ज के साथ शेष जीएसटी राशि की ब्याज गणना के साथ जमा कराई जाएगी। अगर निर्धारित समय सीमा में यह राशि नहीं जमा की गई तो सौ प्रतिशत सर चार्ज के साथ यह राशि संचालक को जमा करनी होगी।
बता दें कि सीधी जिले में कई ऐसे वेंडर हैं जो केवल पंचायतों में सामान सप्लाई करते हैं। सप्लाई का तरीके और इनके मापदंड की कोई जांच कभी नहीं होती है। सरपंच और सचिव की मिलीभगत से करोड़ों का वारा न्यारा हो जाता है। जिले में लगातार हो रही लगातार जीएसटी छापामार कार्रवाई से सप्लायर्स में हड़कंप है।