ये है मामला
पीड़ित बब्लू यादव पिता छंदई यादव निवासी मनडोलिया टोला पोड़ी ने बताया कि विगत रात पत्नी व एक नाती के साथ बाहर बनी खुली खपरैल झोपड़ी में सो रहा था। बगल में मवेशी बंधे हुए थे। रात करीब बारह बजे हाथियों का झुंड आया। उन्हें देखकर मवेशी छटपटाने लगे। जंगली जानवर समझकर मंैने डांटा तो हाथियों ने दहाड़ लगाई। टार्च की रोशनी में देखा तो हाथी थे। मैंने पत्नी व नाती को जगाया और दबे पैर घर से दूर जाकर नाती के माध्यम से गांव वालों को संदेश दिलवाया। इससे सैकड़ों लोग आ गए।
पीड़ित बब्लू यादव पिता छंदई यादव निवासी मनडोलिया टोला पोड़ी ने बताया कि विगत रात पत्नी व एक नाती के साथ बाहर बनी खुली खपरैल झोपड़ी में सो रहा था। बगल में मवेशी बंधे हुए थे। रात करीब बारह बजे हाथियों का झुंड आया। उन्हें देखकर मवेशी छटपटाने लगे। जंगली जानवर समझकर मंैने डांटा तो हाथियों ने दहाड़ लगाई। टार्च की रोशनी में देखा तो हाथी थे। मैंने पत्नी व नाती को जगाया और दबे पैर घर से दूर जाकर नाती के माध्यम से गांव वालों को संदेश दिलवाया। इससे सैकड़ों लोग आ गए।
मकान को हाथियों ने ध्वस्त कर दिया
पीडि़त ने बताया कि कच्चे मकान को हाथियों ने ध्वस्त कर दिया। वहां रखा पचास किलो चावल, तीस किलो आटा, दाल सहित पूरा अनाज खाते हुए गृहस्थी का सारा सामान मिट्टी में मिला दिया। इसके बाद बगल में बने पीएम आवास के पक्के मकान को हाथियों ने ढहाने का प्रयास किया, लेकिन जब नहीं ढहा पाए तो किबाड़ को लात मारा। इससे कुंडी टूट गई। एक सत्रह वर्षीय नातिन आरती तथा बारह वर्षीय सरोज सो रही थीं। एक किनारे गेहूं के भूसा में धान व गेहूं की बोरियां दबा कर रखी थीं।
पीडि़त ने बताया कि कच्चे मकान को हाथियों ने ध्वस्त कर दिया। वहां रखा पचास किलो चावल, तीस किलो आटा, दाल सहित पूरा अनाज खाते हुए गृहस्थी का सारा सामान मिट्टी में मिला दिया। इसके बाद बगल में बने पीएम आवास के पक्के मकान को हाथियों ने ढहाने का प्रयास किया, लेकिन जब नहीं ढहा पाए तो किबाड़ को लात मारा। इससे कुंडी टूट गई। एक सत्रह वर्षीय नातिन आरती तथा बारह वर्षीय सरोज सो रही थीं। एक किनारे गेहूं के भूसा में धान व गेहूं की बोरियां दबा कर रखी थीं।
हाथी के बच्चे की सूंढ दिखाई दी
आरती व सरोज यादव ने बताया कि दरवाजा की आवाज से आंख खुली तो लगा कि कोई आदमी दरवाजा खोल रहा है। हमने अंदर से धक्का देकर दरवाजा बंद करना चाहा, लेकिन फि र दरवाजा खुला तो देखा सामने हाथी के बच्चे की सूंढ दिखाई दी। तब हम दोनों बहन सांसें थामकर लेटी रहीं। देखा कि हाथी का बच्चा बोरियों को पकड़कर बाहर फेंकता है तथा हाथी दरवाजे की तरफ पीछा कर पास रखी घास खा रहा था। यही मौका देखकर हम दोनों बहनें बिस्तर से उठकर दबे पैर घर से बाहर भागीं। वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा थे।
आरती व सरोज यादव ने बताया कि दरवाजा की आवाज से आंख खुली तो लगा कि कोई आदमी दरवाजा खोल रहा है। हमने अंदर से धक्का देकर दरवाजा बंद करना चाहा, लेकिन फि र दरवाजा खुला तो देखा सामने हाथी के बच्चे की सूंढ दिखाई दी। तब हम दोनों बहन सांसें थामकर लेटी रहीं। देखा कि हाथी का बच्चा बोरियों को पकड़कर बाहर फेंकता है तथा हाथी दरवाजे की तरफ पीछा कर पास रखी घास खा रहा था। यही मौका देखकर हम दोनों बहनें बिस्तर से उठकर दबे पैर घर से बाहर भागीं। वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा थे।
ये अधिकारी पहुंच मौके पर
सुबह चार बजे वापस जंगल की ओर संजय टाइगर एरिया में घुस गए। ग्रामीणों की सूचना पर वन परिक्षेत्र अधिकारी मड़वास जेसी उइके, बीटगार्ड राजबहोर पटेल, संदीप सोनी, विजय सिंह, हल्का पटवारी राजीव सिंह घटनास्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना करते हुए पंचनामा तैयार किया। परिक्षेत्र अधिकारी ने लोगों से अलर्ट रहने व जंगल में प्रवेश न करने की हिदायत भी दी गई है।
सुबह चार बजे वापस जंगल की ओर संजय टाइगर एरिया में घुस गए। ग्रामीणों की सूचना पर वन परिक्षेत्र अधिकारी मड़वास जेसी उइके, बीटगार्ड राजबहोर पटेल, संदीप सोनी, विजय सिंह, हल्का पटवारी राजीव सिंह घटनास्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना करते हुए पंचनामा तैयार किया। परिक्षेत्र अधिकारी ने लोगों से अलर्ट रहने व जंगल में प्रवेश न करने की हिदायत भी दी गई है।