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सैकड़ो का लक्ष्य, दर्जन भर को ही मिल पाया योजनाओं का लाभ

locationसीधीPublished: Oct 17, 2019 04:48:50 pm

Submitted by:

op pathak

सैकड़ो का लक्ष्य, दर्जन भर को ही मिल पाया योजनाओं का लाभ, 106 कृषक हितग्राहियों को लाभांवित करने का निर्धारित किया गया था लक्ष्य, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पिछड़ा मस्त्य विभाग

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106 कृषक हितग्राहियों को लाभांवित करने का निर्धारित किया गया था लक्ष्य

सीधी। मत्स्य पालन के लिए विभाग को मिले लक्ष्य के विपरीत केवल 12 कृषकों को तैयार किया जा सका है। मत्स्य विभाग को 106 कृषकों को प्रेरित करने लक्ष्य दिया गया था। मत्स्य पालन के साथ अनुदान सहित अन्य वार्षिक योजनाओं का क्रियान्वयन भी पिछड़ा हुआ है। विभागीय आंकड़े के अनुसार जिले में स्पान मत्स्य बीज उत्पादन को छोड़ दिया जाए तो शेष योजनावार प्राप्त भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यो के विरूद्ध उपलब्धि में विभाग काफी पीछे है। विभाग द्वारा तालाबों के पट्टे का आवंटन स्टैण्डर्ड फ्राई बीज उत्पादन सहकारी समितियों का अनुदान सहित निजी मत्स्य पालकों को सहायता आदि योजनाओं के क्रियान्वयन में विभाग को अपेक्षा के अनुरूप कामयाबी नहीं मिल सकी है। विभागीय लक्ष्य के अनुसार 106 कृषकों को मत्स्य पालन हेतु आगे लाना था किेंतु अब तक मात्र 12 कृषकों को ही मत्स्य पालन करने के लिए विभाग प्रेरित कर सका है। लिहाजा मछुआ सहकारी समितियों के अलावा निजी मत्स्य पालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में तालाब आवंटन के लिए 30 हेक्टेयर का लक्ष्य था जिसे विभाग ने 18.490 हेक्टेयर आवंटित किया है जो लक्ष्य का 61.63 फीसदी है। जिले में 10 मछुआ सहकारी समितियों का पंजीयन हुआ है जिनमें से मात्र एक मछुआ सहकारी समिति को अनुदान के लिए चयनित किया गया है। मछुआरों को शासन द्वारा दिया जाने वाला क्रेडिट कार्ड अभी तक एक भी किसान को नहीं मिल सका है जबकि विभाग द्वारा 220 मछुआरों को फिसर मेंैस क्रेडिट कार्ड दिए जाने का लक्ष्य है।
स्पान बीज उत्पादन में अव्वल, स्टैंडर्ड फ्राई में पिछड़ा-
मत्स्य उद्योग विभाग को स्पान बीज उत्पादन में अच्छी उपलब्धि मिली है जहां विभाग में लक्ष्य के हिसाब से 150 के विरूद्ध 196 लाख मत्स्य बीजों का उत्पादन किया है जो प्रतिशत के हिसाब से 130 फीसदी से ज्यादा है। वहीं स्टैंडर्ड फ्राई मत्स्य बीज के उत्पादन में विभाग को निराशा ही हाथ लगी है। जहां विभाग को 40 लाख स्टैंडर्ड फ्राई का उत्पादन करना था वहीं लक्ष्य के विरूद्ध उसने 17.42 लाख स्टैंडर्ड फ्राई बीजों का उत्पादन किया है जो लक्ष्य के हिसाब से 67 फीसदी कम है।
प्रचार-प्रसार में कमी-
विभागीय आंकड़े के अनुसार वर्ष 2019-20 में 106 कृषकों केा मत्स्य पालन के क्षेत्र में सहायता करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें अब तक विभाग ने मात्र 12 कृषकों को ही मत्स्य पालन से जोड़ सका है। जो लक्ष्य से काफी कम है। इस आधार पर माना जा सकता है कि मत्स्य उद्योग विभाग किसान मत्स्य पालन को बढ़ावा देने में उदासीन है।
फैक्ट फाइल-
वर्ष 2019-20 में योजनावार प्राप्त भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धियों का विवरण
योजना कार्यक्रम भौतिक लक्ष्य उपलब्धि प्रतिशत
तालाब पट्टा आवंटन (हे.) 30 18.490 61.63
स्पान उत्पादन (लाख में) 150 196.00 130.67
स्टैंडर्ड फ्राई (लाख में) 40.00 17.42 43.55
मत्स्याखेट (मैट्रिक टन) 205.11 197.00 96.04
मत्स्य कृषक प्रशिक्षण 135 00 00
मछुआ सहकारी समितियों को अनुदान 10 01 १0
मत्स्य पालन प्रसार 106 12 ११.३२
फिसरमैन्स क्रेडिट कार्ड 220 00 00
लक्ष्य पूर्ति करने का किया जा रहा है प्रयास-
शासन के द्वारा किसानो व मत्स्य कारोबारियों को प्रोत्साहन करने के लिए जो लक्ष्य दिया गया है, उसे पूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है, जिन लोगो के द्वारा आवेदन किया गया है, उन्हें लाभ देने का भरपूर प्रयास किया गया है।
आरएन पटेल
सहायक संचालक, मत्स्य उद्योग सीधी
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