ये है मामला
शिकायती आवेदन में विधवा महिला सुशीला पाठक ने बताया कि उसके ससुर 90 साल के हैं जिनकी सोचने समझने की क्षमता जा चुकी है। इसलिए उन्हें गुमराह कर जेठ गोविंद प्रसाद पाठक ने करीब चार एकड़ पुस्तैनी जमीन अपने बेटे इंद्रेश व भाई अश्वनी पाठक के नाम रजिस्ट्री करा ली है। सुशीला की मानें तो उसके पति चार भाई थे, लेकिन गोविंद व अश्वनी ने गुपचुप पुस्तैनी जमीन अपने नाम करा ली। देवर बृजेंद्र के साथ राजस्व व पुलिस अधिकारियों से शिकायत की तो वह दबाव बनाने लगे।
दोस्त की मौत का गम बर्दाश्त नहीं कर पाया युवक, फ्रेंडशिप डे से एक दिन पहले खुद को मारी गोली
नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी
बेवा सुशीला पाठक ने बताया कि पुस्तैनी जमीन हड़पने के मामले में न्यायालय में प्रकरण दायर करने के बाद जेठ गोविंद प्रसाद पाठक द्वारा दबाव बनाने के लिए पुलिस विभाग में पदस्थ मेरे बच्चों सत्येंद्र पाठक व जीतेंद्र पाठक के विरुद्ध पुलिस विभाग के अधिकारियों के पास लगातार झूठी शिकायत कर परेशान किया जा रहा है। जब मैंने कहा कि क्यों बच्चों के विरुद्ध झूठी शिकायत कर परेशान कर रहे हैं तो कहा जाता है कि पुस्तैनी जमीन के संबंध में न्यायालय में दायर प्रकरण वापस ले लो तो शिकायत करना बंद कर दूंगा। वरना जिले से लेकर भोपाल स्तर तक के अधिकारियों के पास शिकायत कर उनका तबादला तो करवाऊंगा ही नौकरी से बर्खास्त भी करवा दूंगा।