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जिला पंचायत से संसद पहुंची रीति पाठक पर पार्टी को फिर भरोसा, दूसरी बार चुनौती बन सकते हैं ये…

locationसीधीPublished: Mar 24, 2019 04:56:46 am

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Sonelal kushwaha

यूपी व छत्तीसगढ़ सीमा से लगी मप्र की सीधी संसदीय सीट में भाजपा ने अपना प्रत्याशी रिपीट किया है।

Sidhi MP became Watchman on Social Media

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सीधी. भाजपा ने तमाम अटकलों के बीच सीधी संसदीय सीट से एक बार फिर रीती पाठक पर भरोसा जताया है। उनकी दावेदारी पहले ही काफी मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन पार्टी के अंदरखाने से उठ रहे विरोध के स्वर आलाकमान को संशय में डाल रहे थे। हालांकि, शनिवार की देर शाम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सभी प्रकार की अटकलों पर विराम लगाते हुए उन्हें दोबारा प्रत्याशी घोषित कर दिया।
इन्होंने भी मांगी थी टिकट
उल्लेखनीय है कि इस बार भाजपा विधायक सहित संगठन के कुछ पदाधिकारी रीति पाठक को प्रत्याशी बनाए जाने के समर्थन में नहीं थे। यही वजह थी कि सीधी से पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा, सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष लालचंद गुप्ता, सिहावल के पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक व सिंगरौली जिले से पार्टी अध्यक्ष कान्तिदेव सिंह व पूर्व जिलाध्यक्ष गिरीश द्विवेदी ने दावेदारी जताई थी।
ये हैं चुनौतियां
भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद रीति पाठक को सबसे बड़ी चुनौती अपनों से ही मिलने वाली है। पार्टी में ही कुछ लोग तो पहले ही खुले तौर पर उनकी खिलाफत कर चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में इस बार कांग्रेस सरकार है। हो एक-एक सीट जीतने के लिए विशेष रणनीति पर काम कर रही है। सीधी से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को चुनाव लडऩे की संभावना है। और यदि ऐसा हुआ तो भाजपा को इस बार कुछ ज्यादा ही मेहनत करनी पड़ सकती है। क्योंकि, पंचायत मंत्री व सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल को भी इस सीट की जिम्मेदारी कांग्रेस आलाकमान ने सौंपी है।
राजनीतिक पारी
रीती पाठक ने राजनीतिक जमीन खुद के बलबूते पर तैयार की है। 2014 में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्व. इंद्रजीत कुमार को एक लाख से ज्यादा मतों से हराकर निर्वाचित हुईं थीं। इससे पहले वे जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
ये होंगे मुद्दे
संसदीय क्षेत्र के अधूरे विकास कार्य, निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों को रोजगार व अर्से से अधूरी पड़ी जिले की रेल परियोजना प्रमुख मुद्दा है।

विस चुनाव 218
सीधी संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा हैं। एक में कांग्रेस का कब्जा है। जबकि, अन्य सात सीटों पर भाजपा जीती थी।
मुकाबले का गणित
कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। 2009 में अनारक्षित होने के बाद से भाजपा का कब्जा है। इससे पहले 2007 के उप चुनाव में जरूर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
जाति का गणित

गोंड़ ३७%
ओबीसी २८ %
एससी १३ %
ब्राह्मण ०९ %
क्षत्रिय ०७ %
अल्पसंख्यक ३.२ %

रीति पाठक से सीधी बात
सवाल-सांसद निर्वाचित होने के बाद विकास के लिए क्या करेंगी?
जवाब-अधूरे कार्य पूर्ण करने व स्वास्थ्य, शिक्षा की दिशा में सार्थक प्रयास किए जाएंगे।
सवाल-पार्टी ने फिर से दोबारा भरोसा जताया है। इसका आधार क्या है?
जवाब-पार्टी को विश्वास था, इसलिए दोबारा मौका दिया है।
सवाल-विधानसभा चुनाव में आप पर निर्दलीय प्रत्याशी लड़ाने का आरोप कहां तक सही है?
जवाब-सभी आरोप निराधार हैं।
सवाल-प्रत्याशी बदललने की मांग किस कारण से चल रही थी?
जवाब-पार्टी का मुझ पर विश्वास था, अफवाहें उड़ाई गई थीं।
सवाल-असंतुष्टों को साधने के लिए क्या प्रयास करेंगी?
जवाब-असंतुष्ट कोई नहीं है। घर की बात है, जो थोड़ी-बहुत रूठे हैं, उन्हें मना लिया जाएगा।
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