समाप्त हों दल
देश में दलीय व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए। लोग स्वच्छ व्यक्ति की जगह दलों को चुनते हैं, जिसके कारण स्वच्छ व्यक्ति राजनीति से किनारा काट रहे हैं, दलीय व्यवस्था को समाप्त कर ही राजनीति को स्वच्छ किया जा सकता है। जिले मे सबसे बढ़ा मुद्दा स्वास्थ्य का है, जिसके लिए जिले मे गोपालदास मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का संचालन अनिवार्य है।
डॉ.शिशिर मिश्रा
देश में दलीय व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए। लोग स्वच्छ व्यक्ति की जगह दलों को चुनते हैं, जिसके कारण स्वच्छ व्यक्ति राजनीति से किनारा काट रहे हैं, दलीय व्यवस्था को समाप्त कर ही राजनीति को स्वच्छ किया जा सकता है। जिले मे सबसे बढ़ा मुद्दा स्वास्थ्य का है, जिसके लिए जिले मे गोपालदास मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का संचालन अनिवार्य है।
डॉ.शिशिर मिश्रा
खत्म हों निजी स्कूल
बिना शिक्षा के स्वच्छ राजनीति की कल्पना मुमकिन नहीं है। जिसके लिए अनिवार्य है कि शिक्षा में एकरूपता लाने के लिए निजी स्कूलों को शासकीय कर देना चाहिए। सीधी ने विगत १५ वर्षों से खोया ही है। भूमि विकास बैंक, ब्रिज कार्यालय, एनएच, रोजगार कार्यालय, टाउन प्लानिंग सहित अन्य कार्यालय जिले में बंद कर दूसरे जिले मे स्थानांतरित कर दिया गया
आलोक केशरी
बिना शिक्षा के स्वच्छ राजनीति की कल्पना मुमकिन नहीं है। जिसके लिए अनिवार्य है कि शिक्षा में एकरूपता लाने के लिए निजी स्कूलों को शासकीय कर देना चाहिए। सीधी ने विगत १५ वर्षों से खोया ही है। भूमि विकास बैंक, ब्रिज कार्यालय, एनएच, रोजगार कार्यालय, टाउन प्लानिंग सहित अन्य कार्यालय जिले में बंद कर दूसरे जिले मे स्थानांतरित कर दिया गया
आलोक केशरी
दयनीय है व्यवस्था
यहां की राजनीतिक व्यवस्था दयनीय है। शिक्षा की हालत बदतर है, स्कूलों का निजीकरण समाप्त होना चाहिए। नेताओं की आपसी खींचतान में लॉ कॉलेज बंद हो गई है। स्वास्थ्य की हालत दयनीय है। जब चुनाव आता है तब जातिगत का जहर बोया जा रहा है, जिसकी फसल वोट के रूप में काटी जाती है। यह राजनीति में कलंक है।
भाष्कर सिंह
यहां की राजनीतिक व्यवस्था दयनीय है। शिक्षा की हालत बदतर है, स्कूलों का निजीकरण समाप्त होना चाहिए। नेताओं की आपसी खींचतान में लॉ कॉलेज बंद हो गई है। स्वास्थ्य की हालत दयनीय है। जब चुनाव आता है तब जातिगत का जहर बोया जा रहा है, जिसकी फसल वोट के रूप में काटी जाती है। यह राजनीति में कलंक है।
भाष्कर सिंह
…ताकि मिले भोजन
जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने की आवश्यकता है। गरीब लोग मजदूरी करने चले जाते हैं और बच्चों को आंगनवाडी, स्कूलो मे भेज देते है कि वहां उसे नाश्ता व भोजन मिल जाएगा। पढे लिखे लोग कम हैं, जिससे वे निर्णय नहीं ले पाते कि किस तरह का जनप्रतिनिधि चुनना चाहिए जबकि पढ़े-लिखे लोग बहुत कम संख्या मे वोटिंग करते हैं।
अखिलेश पांडेय
जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने की आवश्यकता है। गरीब लोग मजदूरी करने चले जाते हैं और बच्चों को आंगनवाडी, स्कूलो मे भेज देते है कि वहां उसे नाश्ता व भोजन मिल जाएगा। पढे लिखे लोग कम हैं, जिससे वे निर्णय नहीं ले पाते कि किस तरह का जनप्रतिनिधि चुनना चाहिए जबकि पढ़े-लिखे लोग बहुत कम संख्या मे वोटिंग करते हैं।
अखिलेश पांडेय
नेता से डरते हैं लोग
जनता नेताओ को सत्ता की गद्दी तक पहुंचाती है किंतु नेताओ के भाग्य विधाता से जनप्रतिनिधियो को डर नहीं लगता बल्कि जनता ही जनप्रतिनिधि से भय महसूस करती है। शिक्षा की ज्योति गांव तक नहीं पहुंच पाती है। चिकित्सको का अभाव है सांसद सिर्फ मंत्रियों के बंगले में आवेदन के साथ फोटो खिंचवाने मे समय गुजार दी।
एड. रोहित मिश्रा
जनता नेताओ को सत्ता की गद्दी तक पहुंचाती है किंतु नेताओ के भाग्य विधाता से जनप्रतिनिधियो को डर नहीं लगता बल्कि जनता ही जनप्रतिनिधि से भय महसूस करती है। शिक्षा की ज्योति गांव तक नहीं पहुंच पाती है। चिकित्सको का अभाव है सांसद सिर्फ मंत्रियों के बंगले में आवेदन के साथ फोटो खिंचवाने मे समय गुजार दी।
एड. रोहित मिश्रा
फोरलेन को भूले
सीधी-सिंगरौली फोरलेन का कार्य वर्ष 2012 से चल रहा है जो अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है, जो निर्माण कार्य किया गया था वह भी उखडऩे लगी है, किंतु जिले के सांसद व विधायक लोकसभा या विधानसभा में इस मुद्दे को उठाना उचित नहीं समझे, जिसका खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ रहा है। विकास नजर नहीं आ रहा है।
शिव कुशवाहा
सीधी-सिंगरौली फोरलेन का कार्य वर्ष 2012 से चल रहा है जो अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है, जो निर्माण कार्य किया गया था वह भी उखडऩे लगी है, किंतु जिले के सांसद व विधायक लोकसभा या विधानसभा में इस मुद्दे को उठाना उचित नहीं समझे, जिसका खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ रहा है। विकास नजर नहीं आ रहा है।
शिव कुशवाहा
जागरूकता जरूरी
राजनीति स्वच्छता के लिए आम लोगों को जागरूक होना अति आवश्यक है। १०० प्रतिशत बोटिंग का प्रतिशत होने की जरूरत है, हर मतदाता का मतदान हो तब जागरूकता मानी जाएगी। सभी को अपनी वोटिंग का महत्व समझना होगा। देश को पिछले पांच वर्षों मे गौरव मिला है। शिक्षा के क्षेत्र मे विकास की अत्यंत आवश्यकता है।
आनंद परियानी
राजनीति स्वच्छता के लिए आम लोगों को जागरूक होना अति आवश्यक है। १०० प्रतिशत बोटिंग का प्रतिशत होने की जरूरत है, हर मतदाता का मतदान हो तब जागरूकता मानी जाएगी। सभी को अपनी वोटिंग का महत्व समझना होगा। देश को पिछले पांच वर्षों मे गौरव मिला है। शिक्षा के क्षेत्र मे विकास की अत्यंत आवश्यकता है।
आनंद परियानी
योग्य हो उमीदवार
राजनीति में स्वच्छ लोग पहुंचे, जिनके खिलाफ किसी भी तरह का आपराधिक रिकार्ड न हो। चंबल के डाकू सांसद बनेंगे तब हम स्वच्छ राजनीति की कल्पना नहीं कर सकते हैं। वहीं चुनाव लडऩे के लिए शैक्षणिक व बौद्धिक योग्यता का भी निर्धारण होना चाहिए। योग्य लोग चुनाव जीतेंगे तो वो विकास के बारे में सोचेंगे, काम करेंग।
रजनीश सोनी
राजनीति में स्वच्छ लोग पहुंचे, जिनके खिलाफ किसी भी तरह का आपराधिक रिकार्ड न हो। चंबल के डाकू सांसद बनेंगे तब हम स्वच्छ राजनीति की कल्पना नहीं कर सकते हैं। वहीं चुनाव लडऩे के लिए शैक्षणिक व बौद्धिक योग्यता का भी निर्धारण होना चाहिए। योग्य लोग चुनाव जीतेंगे तो वो विकास के बारे में सोचेंगे, काम करेंग।
रजनीश सोनी
मर्यादा जरूरी
दलीय राजनीति भी जरूरी है क्योंकि दल से चुनकर जाने वाले जनप्रतिनिधि एक मर्यादा में बंधकर सरकार के साथ रहते हैं, बिना दल के सांसद विधायक सदन में पहुंचने पर वे सरकार गिराने की आए दिन धमकी देकर सरकार चलने में बाधा उत्पन्न करेंगे और यहीं से भ्रष्टाचार भी जन्म लेगा।
मोहित सोनी
दलीय राजनीति भी जरूरी है क्योंकि दल से चुनकर जाने वाले जनप्रतिनिधि एक मर्यादा में बंधकर सरकार के साथ रहते हैं, बिना दल के सांसद विधायक सदन में पहुंचने पर वे सरकार गिराने की आए दिन धमकी देकर सरकार चलने में बाधा उत्पन्न करेंगे और यहीं से भ्रष्टाचार भी जन्म लेगा।
मोहित सोनी
शैक्षणिक अर्हता
शासकीय पदों के लिए शैक्षणिक अर्हता का निर्धारण किया गया है, लेकिन राजनीति में आने के लिए कोई भी शैक्षणिक अर्हता नहीं है, अनपढ़ व्यक्ति भी चुनाव लड़ सकता है, इसलिए राजनीति स्वच्छ नहीं हो पा रही है, मेरा मानना है कि चुनाव लडऩे के लिए भी शैक्षणि अर्हता निर्धारित होनी चाहिए। ताकि योग्य लोग सरकार में आएं।
विक्रमादित्य गुप्ता
शासकीय पदों के लिए शैक्षणिक अर्हता का निर्धारण किया गया है, लेकिन राजनीति में आने के लिए कोई भी शैक्षणिक अर्हता नहीं है, अनपढ़ व्यक्ति भी चुनाव लड़ सकता है, इसलिए राजनीति स्वच्छ नहीं हो पा रही है, मेरा मानना है कि चुनाव लडऩे के लिए भी शैक्षणि अर्हता निर्धारित होनी चाहिए। ताकि योग्य लोग सरकार में आएं।
विक्रमादित्य गुप्ता