बघेली भाषा में किया पोस्ट
भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश मिश्रा के पुत्र डॉ. अनूप मिश्रा के द्वारा टिकट घोषणा के बाद फेसबुक पर बघेली भाषा में पोस्ट करते हुए आपत्ति जताई है। बताते चले कि सीधी जिला अध्यक्ष भी टिकट की दौड़ में शामिल थे, जिस दिन टिकट की घोषणा हुई उस दिन भी वे दिल्ली में भाजपा नेताओं के दरवार में सक्रिय थे, गत लोकसभा चुनाव में भी उनके द्वारा टिकट के लिए दावेदरी जताई गई थी, इस बार वे पूरी तरह आश्वस्त थे कि विधायकों व कार्यकर्ताओं के वर्तमान सांसद के प्रति विरोध के कारण उन्हें टिकट मिल सकता है किंतु अंतिम समय में भाजपा संगठन द्वारा रीती पाठक के नाम पर मोहर लगा दी, जिसको लेकर दावेदार व उनके समर्थकों के बीच नाराजगी है। बताते चलें कि इससे पूर्व सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला व सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य स्पष्ट तौर पर सीधी सांसद रीती पाठक का विरोध जताते हुए टिकट न देने की सिफारिश तक कर बैठे थे। गत चुनाव वर्ष 2014 मे भी रीती पाठक को टिकट मिलने के बाद पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा व पूर्व विधायक केके सिंह भंवर के द्वारा आपत्ति जताते हुए प्रत्याशी रीती पाठक का विरोध किया था।
भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश मिश्रा के पुत्र डॉ. अनूप मिश्रा के द्वारा टिकट घोषणा के बाद फेसबुक पर बघेली भाषा में पोस्ट करते हुए आपत्ति जताई है। बताते चले कि सीधी जिला अध्यक्ष भी टिकट की दौड़ में शामिल थे, जिस दिन टिकट की घोषणा हुई उस दिन भी वे दिल्ली में भाजपा नेताओं के दरवार में सक्रिय थे, गत लोकसभा चुनाव में भी उनके द्वारा टिकट के लिए दावेदरी जताई गई थी, इस बार वे पूरी तरह आश्वस्त थे कि विधायकों व कार्यकर्ताओं के वर्तमान सांसद के प्रति विरोध के कारण उन्हें टिकट मिल सकता है किंतु अंतिम समय में भाजपा संगठन द्वारा रीती पाठक के नाम पर मोहर लगा दी, जिसको लेकर दावेदार व उनके समर्थकों के बीच नाराजगी है। बताते चलें कि इससे पूर्व सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला व सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य स्पष्ट तौर पर सीधी सांसद रीती पाठक का विरोध जताते हुए टिकट न देने की सिफारिश तक कर बैठे थे। गत चुनाव वर्ष 2014 मे भी रीती पाठक को टिकट मिलने के बाद पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा व पूर्व विधायक केके सिंह भंवर के द्वारा आपत्ति जताते हुए प्रत्याशी रीती पाठक का विरोध किया था।