अधूरा है निर्माण कार्य
ग्राम पंचायत बेल्दह में करीब 3.99 लाख की लागत से बनाए गए सार्वजनिक शौचालय का काम अधूरा है। अभी फिनिशिंग होना शेष है। रनिंग वाटर की भी सुविधा नहीं हो पाई है, जबकि पूरी राशि आहरित की जा चुकी है। इनके संचालन की बागडोर स्व सहायता समूह के हाथों जाने से पंचायतों ने काम अधूरा छोड़ दिया है।
जिलेभर का एक जैसा हाल
स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे फेज में घनी बसाहट वाली बस्तियों में बनाये गए लगभग सभी सार्वजनिक शौचालयों का एक जैसा हाल है। बताते हैं कि जिले की 400 ग्राम पंचायतों में से 199 में सार्वजनिक शौचालय बनाए जाने हैं। इनका निर्माण गरीब कल्याण रोजगार अभियान अंतर्गत किया जा रहा। अब हाल यह है कि बन चुके करीब 186 सार्वजनिक शौचालय अव्यवस्था की भेंट चढ़ चुके हैं। किसी में पानी नहीं, तो किसी में दुकान चल रही है। इसके अलावा जो बचे हैं वो ताले में कैद हैं।

तीन मद से बने हैं सार्वजनिक शौचालय
विभागीय सूत्र बताते हैं कि सार्वजनिक शौचालय की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों को बनाया गया था। निर्माण तीन मदों को जोड़कर किया गया है। इसमें स्वच्छ भारत मिशन, 15वां वित्त आयोग तथा मनरेगा शामिल है। प्रति शौचालय 3.99 लाख का बजट स्वीकृत किया गया था। मजदूरी का भुगतान मनरेगा की मद से किया गया।
सार्वजनिक शौचालय की स्थिति
ब्लॉक | स्वीकृत | पूर्ण |
कुसमी | 21 | 20 |
रामपुर नैकिन- | 40 | 38 |
सीधी | 73 | 68 |
सिहावल | 45 | 41 |
मझौली | 20 | 19 |
कुल | 199 | 186 |
बेल्दह के सार्वजनिक शौचालय में कब्जा कर किराना दुकान संचालित करने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। आपके द्वारा जानकारी दी जा रही है। इस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
-तरुण रहंगडाले, सीईओ जनपद पंचायत रामपुर नैकिन