मां काली की झांकी भगवान भोलेनाथ बग्घी पर सवार थे तो भक्त ढोल नगाड़े एवं डीजे की धुन पर नाचते-गाते रहे। मां काली की झांकी भी सजाई गई थी। कार्यक्रम में पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल, सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल, आरबी ङ्क्षसह, उत्तरा वर्मा, डॉ. अनूप मिश्रा, विनय सिंह, डॉ.विक्रम सिंह, एएसपी सूर्यकांत शर्मा, इंद्रवती नाट्य समिति से नीरज कुंदेर, रोशनी प्रसाद मिश्रा, राहुल वर्मा सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में इंद्रवती नाट्य समिति, ब्राइट कलर लैब, जनज्योति सेवा समिति, मिश्रा नर्सिंग होम, टाटा कॉलेज जमोड़ी, गंगोत्री रेस्टोरेंट और मधुसूदन पैलेस का विशेष योगदान रहा।
भुइमाड़ में भजन कीर्तन के साथ हुआ भंडारा
कुसमी विकासखंड के भुइमाड़ हनुमान मंदिर में भजन कीर्तन के साथ भंडारा किया गया। यहां सुबह से ही पूजा अर्चना शुरू हो गई थी। पूरे दिन कीर्तन भजन व भंडारा चला। कन्याभोज भी कराया गया। भंडारे में हजारों लोग शामिल हुए।
महत्व महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था। प्रलय की बेला मे इसी दिन प्रदोश के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्राह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते है। इसीलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया है। इस दिन शिव भक्त शिवमंदिरों में जाकर शिवलिंग पर बेल पत्र आदि चढ़ाते, पूजन करते, उपवास करते रात्रि को जागरण करते हैं। इसी दिन शिव की शादी हुई थी इसलिए रात्रि में शिव जी की बरात भी निकाली जाती है। वास्तव में शिवरात्रि का परम पर्व स्वयं परम पिता परमात्मा के सृष्टि पर अवतरित होने की स्मृति दिलाता है। शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि भगवान शंकर का सबसे पवित्र दिन है।