जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
जिले में आने वाले 14 अप्रैल को रामनवमी व ७ मई को अक्षय तृतीया को देव लग्र होने की स्थिति में हजारों की संख्या मे विवाह के बंधन मे बंध सकते हैं, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। इस बार पटवारी, कोटवार, शिक्षक व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से लेकर ग्राम स्तर पर शासकीय महकमा को बाल विवाह को लेकर चौकन्ना कर दिया गया है।
जिले में आने वाले 14 अप्रैल को रामनवमी व ७ मई को अक्षय तृतीया को देव लग्र होने की स्थिति में हजारों की संख्या मे विवाह के बंधन मे बंध सकते हैं, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। इस बार पटवारी, कोटवार, शिक्षक व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से लेकर ग्राम स्तर पर शासकीय महकमा को बाल विवाह को लेकर चौकन्ना कर दिया गया है।
इस तरह के प्रयास सामने नहीं आए
जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का अभाव देखा जा रहा है। जिसके तहत गांवों में दीवार लेखन, पंपलेट वितरण, स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्रो में बच्चों की रैली, बाल विवाह रोकने के उपाय, समाज को जागरूक करने के प्रयासों का अभाव देखा जा रहा है। वहीं सूचना तंत्र की कमी पूर्व वर्ष में भी सामने आती रही हैं, जो रोकथाम के लिए बाधक साबित हो सकता है। बहरहाल जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए सार्थक प्रयास किए जाने की दरकार है।
जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का अभाव देखा जा रहा है। जिसके तहत गांवों में दीवार लेखन, पंपलेट वितरण, स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्रो में बच्चों की रैली, बाल विवाह रोकने के उपाय, समाज को जागरूक करने के प्रयासों का अभाव देखा जा रहा है। वहीं सूचना तंत्र की कमी पूर्व वर्ष में भी सामने आती रही हैं, जो रोकथाम के लिए बाधक साबित हो सकता है। बहरहाल जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए सार्थक प्रयास किए जाने की दरकार है।
विवाह पंजीयन अनिवार्य हो तो रुके बाल विवाह
जानकारों की मानें तो प्रत्येक ग्राम पंचायतों में विवाह पंजियन कराने का प्रावधान है। पंजियन की पहली शर्त आयु निर्धारण है, जिसके पालन में लोग बाल विवाह से पीछे हट सकते हैं। बाल विवाह की रोकथाम के लिए पंजियन की अनिवार्यता की जानी चाहिए। इसके अलावा विवाह के दौरान वर वधु के आयु का उल्लेख करने का प्रावधान है। जिस पर अमल कम होने से बाल विवाह होने की संभावना होती है। ऐसे विवाह कार्ड में दोनों की जन्म तिथि दर्शान की बाध्यता होने पर भी बाल विवाह पर अंकुश लगाया जा सकता है।
जानकारों की मानें तो प्रत्येक ग्राम पंचायतों में विवाह पंजियन कराने का प्रावधान है। पंजियन की पहली शर्त आयु निर्धारण है, जिसके पालन में लोग बाल विवाह से पीछे हट सकते हैं। बाल विवाह की रोकथाम के लिए पंजियन की अनिवार्यता की जानी चाहिए। इसके अलावा विवाह के दौरान वर वधु के आयु का उल्लेख करने का प्रावधान है। जिस पर अमल कम होने से बाल विवाह होने की संभावना होती है। ऐसे विवाह कार्ड में दोनों की जन्म तिथि दर्शान की बाध्यता होने पर भी बाल विवाह पर अंकुश लगाया जा सकता है।