सीधी। कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ देश जंग लड़ रहा है। जिस तरह देशवासी मिलकर यह जंग लड़ रहे हैं, उससे यह निश्चित है कोरोनो हारेगा और देश जीतेगा। ऐसे में यदि हम संकल्प लें तो एक और जंग जीत सकते हैं नशा से। लॉकडाउन के कारण व्यसन और नशे में फंसे लोगों के लिए यह एक अच्छा अवसर है। सरकारों ने शराब, भांग, गांजा, तंबाकू-पान, गुटखा-सिंगरेट की दुकानें बंद कर दी हैं। ऐसे में बस एक संकल्प लें और व्यसन के संक्रमण को सदा के लिए आइसोलेशन में भेंज दें। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मुख्य सेवा केंद्र छत्रसाल स्टेडियम के पास सीधी की प्रमुख ब्रह्मकुमाीर रेखा बहन कहती हैं कि नशा वर्तमान की एक अति ज्वलंत समस्या है। यह व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा आर्थिक रूप से नष्ट कर देता है। यह अनेक प्रकार के लाइलाज रोगों से भी अधिक खतरनाक है। इस प्रकार के रोगों से एक व्यक्ति मरता है, परंतु नशे से व्यक्ति स्वयं तो मरता ही है, लेकिन साथ ही मित्र संबंंधियों के लिए भी कष्ट व दुख का कारण बनता है। समाज के लिए यह बहुत बड़ा अभिशाप है। समाज और समाज पर इसका घातक असर होता है जैसे दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी, तनाव, अवसाद, परिवार में कलह क्लेश, अपराध। वैैसे कहा जाता है मनुष्य भगवान की श्रेष्ठ रचना है सभी प्राणियों में श्रेष्ठ व बुद्धजीवी है किंतु कितने आश्चर्य की बात है कि समझदार होने के बाद भी यह पता नही है कि हमे किन चीजो का सेवन करना चाहिए व किन चीजों का नहीं। ज्ञान विज्ञान के माध्यम से हो रहे व्यापक प्रचार प्रसार के बावजूद ऐसे लोगो की संख्या बहुत बढ़ी है जो बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू का निरंतर उपयोग करते हैं। सुंदर मन, स्वस्थ शरीर विचारो का धनी मनुष्य जीवन मे खुशहाली का पर्याय कहा गया है परंतु आज दिशाहीनाता से सर्वनाश की कगार पर खड़ा है। मानव या तो इसे महसूस नहीं करता या महसूस करने के बाद मौत को गले लगा लेता है। परंतु व्यसन से मुक्त हुआ जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले अपने मन मे दृढ़ संकल्प करें, मनुष्य के लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं है, अपने मनोबल को बढ़ाने का प्रयत्न करना चाहिए। राजयोग के अभ्यास से कई लोगों ने किया है नशे को अलविदा- ब्रह्मकुमारी रेखा बहन बताती हैं कि प्रजापति ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा राजयोग कराया जाता है। राजयोग नशे की लत छोडऩा का एक अच्छा माध्यम है। ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र में राजयोग के अभ्यास से अनेक लोगों ने स्वयं को नशे से मुक्त किया है। राजयोग के अभ्यास से हम थोड़े समय मे ही नशे के दुष्चक्र से निकलने में सफ लता प्राप्त कर सकते हैं। यदि कोई इस ध्यान पद्धति को सच्चे मन से स्वीकार करता है, अभ्यास करता है तो इस प्रकार की बुरी आदतों से सहज छुटकारा पा सकता है।