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कबाड़ में तब्दील हुई लाखों की चलित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला

locationसीधीPublished: Dec 11, 2019 01:32:14 pm

Submitted by:

Manoj Kumar Pandey

चलित प्रयोगशाला का संचालन नहीं कर रहा पा रहा विभाग, कुसमी थाना परिसर में वर्षों से खड़े कबाड़ में हुई तब्दील, करीब पांच वर्ष पूर्व हुई थी खरीदी, नहीं हो पाया संचालन, खड़े खड़े हो गई कबाड़

Mill soil testing laboratory turned into junk

Mill soil testing laboratory turned into junk

सीधी। करीब पांच वर्ष पूर्व पचास लाख से अधिक कीमत में खरीदी गई चलित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला वैन जिले के कुसमी थाना परिसर में खड़ी धूल खा रही है। लगातार तीन वर्ष से खुले में थाना परिसर में खड़े रहने से वह कबाड़ में भी तब्दील हो चुकी है, लाखो की कीमत में खरीदी गई इस चलित मिट्टी परीक्षण प्रयोग शाला वैन का संचालन विभाग नहीं कर पा रहा है, जिसकी वजह इसके संचालन के लिए किसी तरह के बजट की व्यवस्था न होना बताया जा रहा है।
बताते चलें कि एसीए फॉर एलडब्ल्यूई प्रभावित जिला योजनांतर्गत 52 लाख 40 हजार 750 रूपए में वर्ष 2014-15 में चलित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला वैन की खरीदी की गई थी। इसकी खरीदी के लिए तत्कालीन कलेक्टर द्वारा 22 जनवरी 2014 को प्रशासकीय स्वीकृत जारी की गई थी, जिसके तहत केंद्रीय भंडार रचनानगर भोपाल से इसको खरीदा गया था। तत्कालीन कलेक्टर के निर्देशानुसार 17७ जून 2014 को उक्त वाहन अनुविभागीय कृषि अधिकारी सीधी को आवंटित किया गया था।
ऐसे करना था संचालन-
विभागीय सूत्रों की माने तो चलित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला वाहन के नियमित संचालन हेतु तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जिला प्रबंधक एमपी एग्रो सीधी, जिला विपणन अधिकारी सीधी एवं परियोजना संचालक आत्मा जिला सीधी को यह निर्देर्शित किया गया था कि जब तक वाहन संचालन हेतु चालक एवं ईंधन आदि के लिए समुचित एवं स्थाई वित्तीय व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक उक्त व्यवस्था बतौर सहयोग राशि अनुविभागीय कृषि अधिकारी सीधी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
पांच वर्ष में केवल 925 मिट्टी नमूनो का परीक्षण-
पचास लाख से अधिक राशि में क्रय की गई यह चलित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला वैन महज छ: माह से एक वर्ष के बीच ही संचालन हो पाया, इस दौरान चलित प्रयोगशाला वैन के माध्यम से महज 925 मिट्टी नमूनों का परीक्षण किया गया। इसके बाद बजट की व्यवस्था न होने से इस चलित प्रयोगशाला वैन को कृषि प्रक्षेत्र समदा में खड़ा कर दिया गया, जहां करीब दो वर्ष तक यह वैन खुले में खड़ी रही और कबाड़ में तब्दील होती रही। इसके बाद इस वैन को यहां से कुसमी थाना परिसर में ले जाकर खड़ा करवा दिया गया, जहां यह पिछले करीब तीन वर्ष से धूल फांकती खड़ी है।
जिले के लिए उपयुक्त नहीं थी वैन-
जिस तरह इस वैन के पहिए छोटे थे इस लिहाज से यह वैन जिले के ग्रामीण अंचलों की सड़कों में सफर करने लायक नहीं थी, इसके साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस बात का ध्यान नहीं दिया गया कि चलित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला वैन का संचालन किस बजट से किया जाएगा, ईंधन की व्यवस्था कैसे होगी, बावजूद इसके इतनी महंगी वैन को क्रय कर लिया गया। इसके बाद भी इसके संचालन के लिए बजट की व्यवस्था नहीं बनाई गई, लिहाजा पचास लाख से अधिक राशि में खरीदी गई यह वैन कबाड़ में तब्दील हो गई।
नही है संचालन की कोई तैयारी-
उक्त वाहन के संचालन हेतु स्टाफ, चालक एवं अन्य आवश्यक संसाधनो तथा वित्तीय व्यवस्था न होने के कारण संचालन की कोई तैयारी नहीं है। वर्षो से खुले में खड़े होने के कारण अब यह काफी खराब भी हो चुकी है।
केके पांडेय, उपसंचालक कृषि

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