scriptसीधी में पांच सैकड़ा से ज्यादा महिलाएं हुईं लापता, पुलिस कार्रवाई गुमशुदगी तक ही सीमित, जाने लापता महिलाएं फंसी किस दलदल में | More than five hundred women have been missing in Sidhi | Patrika News

सीधी में पांच सैकड़ा से ज्यादा महिलाएं हुईं लापता, पुलिस कार्रवाई गुमशुदगी तक ही सीमित, जाने लापता महिलाएं फंसी किस दलदल में

locationसीधीPublished: Feb 17, 2019 07:05:36 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

महिला अपहरण मामलों में नहीं आ पा रही कमी

Police action limited to missing, go missing women

Police action limited to missing, go missing women

सीधी. जिले में अपराध के सर्वाधिक मामले मे महिलाओं के अपहरण के सामने आ रहे हैं। हर वर्ष महिलाओं के अपहरण मामलों मे वृद्धि हो रही है किंतु पुलिस प्रशासन महिलाओं के अपहरण मामले की जड़ तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके कारण अपहृत महिलाओं का सुराग नही मिल पा रहा है। परिजनों के द्वारा पुलिस थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है जिस पर पुलिस के द्वारा अपहरण या गुमशुदगी का मामला तो दर्ज कर लिया जाता है किंतु मामले की समुचित विवेचना न होने के कारण लापता महिलाओं का पता नहीं चल पा रहा है। पुलिस ने भी अब बढ़ते अपहरण के मामले को देखकर अपना आकड़ा कम करने क उद्देश्य से अपहरण की घटना मे गुमशुदगी दर्ज की जा रही है। इससे पूर्व रीवा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा के द्वारा भी स्वीकार किया था कि रीवा रेंज मे महिलाओं के अपहरण मामले मे सीधी का अपराध सबसे ज्यादा है, जिस पर अंकुश लगाने व विशेष रणनीति तय करने के निर्देश पुलिस अधीक्षक को दिए गए थे किंतु इस दिशा मे जिले की पुलिस अमले के द्वारा कोई खास कदम नहीं उठाया गया।
आखिर कहां जा रही सीधी से अपहृत महिलाएं
जानकारों की माने तो सीधी से लापता होने वाली महिलाओं मे 18 से 25 वर्ष उम्र की ज्यादा लड़कियां शामिल हैं। जिसमें से 30 प्रतिशत महिलाएं प्यार मोहब्बत के चक्कर मे फंसकर प्रेमी के साथ लापता हो रही है। ज्यादातर मामले मे जिले मे सक्रिय दलालों के द्वारा महिलाओं को मुंबई फिल्मी दुनिया की चकाचौंध दिखाकर या फिर अच्छी नौकरी का झांसा देकर उन्हें भगाने मे सफल रहते हैं। कुछ मामले तो जिले के सिहावल अंचल मे ऐसे भी आए जहां से अपहृत हुई महिलाओं का सुराग राजस्थान व दो लड़कियों का सुराग उत्तर प्रदेश के जोनपुर मे मिला था, उसके बाद भी पुलिस के द्वारा सक्रियता नहीं दिखाई गई, जिसके कारण महिलाएं अपने घर नहीं पहुंच पाई।
आंकड़ों के संदर्भ में मुझे जानकारी नहीं है
पुलिस अधीक्षक तारुण नायक ने बताया कि यह आंकड़े आपको कहां से मिले, मुझे इस संदर्भ में जानकारी नहीं है। मैंं रिकॉर्ड देखकर ही कुछ बता पाउंगा कि जिले में महिला अपहरण मामलों की स्थिति क्या है। सर्चिंग बढ़ाई जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो