घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार रामस्वरूप अगरिया पिता छोटेलाल ग्राम भरसेंड़ी तहसील देवसर जिला सिंगरौली अपने तीन बच्चों व पत्नी के साथ शुक्रवार की शाम अपने ससुराल ग्राम डेवा जा रहा था। शाम करीब ५ बजे वह परिवार के साथ कोड़मार नदी पार कर रहा था। उस समय उसका 7 वर्षीय बालक दीपेश अगरिया पिता को पकड़कर जबकि एक 4 वर्षीय पुत्री विभा को उसकी मां सुमन अपने गोदी में लिए हुई थी जबकि 1 वर्षीय पुत्र को रामस्वरूप गोदी में लेकर नदी पार कर रहा था। इसी दौरान अचानक नदी में पानी का तेज बहाव आ जाने के कारण सभी नदी में बह गए। उस समय रामस्वरूप अपने 1 वर्षीय पुत्र को किसी तरह बचाते हुए नदी पार कर गया, जबकि उसके दोनों बच्चे और पत्नी उसकी आंखों के सामने ही नदी के तेज बहाव में बह गए। करीब 50 मीटर की दूरी पर पत्नी किसी तरह अपने को बचा पाई, लेकिन दोनों बच्चे नदी में बह गए। जिसकी जानकारी खंड प्रशासन कुसमी एवं पुलिस थाना मझौली को दी गई। जिनके द्वारा 24 अगस्त को गोताखोर व पुलिस दल के साथ राघवेंद्र द्विवेदी नगर निरीक्षक थाना मझौली नदी में सुबह से देर शाम तक रेस्क्यू दल का नेतृत्व करते हुए डटे नदी में बहे बच्चों की तलाश में जुटे रहे। वहीं जनपद पंचायत कुसमी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता भूपाल सिंह भी पूरे समय तक रेस्क्यू दल का सहयोग करते रहे। प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर तहसीलदार कुसमी भी डटे रहे। शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे बच्चे दीपेश का शव घटनास्थल से 2 किलोमीटर की दूरी पर झाडिय़ों में फंसा हुआ मिला, जबकि बच्ची की तलाश जारी है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस नदी में पुल न होने की वजह से आधा दर्जन से ज्यादा गांव के ग्रामीणों का आवागमन बाधित होता है। प्रत्येक वर्ष बरसात के सीजन में इसी तरह जान-माल का नुकसान होता है। लोग जान हथेली में रखकर बाढ़ी नदी को पार करते हैं, नदी में पानी ज्यादा होने पर किसी विपरीत स्थित पर मरीज या गर्भवती महिलाओं को दवा के लिए नहीं ले जा पाते हैं, जिससे उनकी मौत भी दवा के अभाव में हो जाती है।
घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों द्वारा क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह टेकाम के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए खरी-खोटी सुनाते नजर आए। जिसका प्रमुख कारण लोगों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के पूर्व विधायक द्वारा इसी कोड़मार नदी में इसी घाट में पुल निर्माण के लिए घोषणा करते हुए भूमि पूजन का ड्रामा किया गया था और नारियल फोड़ कर पुलिया निर्माण के लिए चूना डलवाया गया था। लेकिन उसके बाद न तो पुल बनी और न ही विधायक का कोई इस ओर ध्यान गया। जिस कारण लोगों का आरोप है कि विधायक द्वारा वोट लेने के लिए हम लोगों से झूठ बोल कर हमें गुमराह कर नौटंकी की गई।