scriptमां! मेरा क्या कसूर…पैदा होते ही मुझे क्यों मार डाला | Mother What is my fault ... Why did I kill me when I was born | Patrika News

मां! मेरा क्या कसूर…पैदा होते ही मुझे क्यों मार डाला

locationसीधीPublished: Feb 26, 2020 01:11:45 pm

Submitted by:

Manoj Kumar Pandey

शर्मनाक: बीच बाजार नवजात का शव लेकर दौड़ लगाते दिखा कुत्ता, पुलिस ने छुड़ाकर कराया पोस्टमार्टम, यह तस्वीर शर्मशार करती है, लेकिन दिखाना जरूरी है, क्योंकि जहां बेटियां देशभर में नाम रोशन कर रही हैं, वहीं सीधी जिले में जन्म के बाद उनकी हत्या कर दी जाती है

Mother What is my fault ... Why did I kill me when I was born

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सीधी। मां! मेरा क्या कसूर जो मुझे कोख में मार डाला? आप इतनी निर्दयी कैसे हो सकती हो? आठ-नौ महीने कोख में पालने के बाद एक ही झटके में मैं इतनी कष्टदायी कैसे हो गई? मुझे भी यह दुनिया देखनी थी… तुम्हारी गोद में किलकारी भरनी थी… अपने नन्हें हांथो से तुम्हारी उंगली पक ड़कर चलना सीखना था…लेकिन तुमने मुझे जन्म देते ही मौत दे दी। शायद यही कुछ शब्द रहे होते उस नवजात के जिसे निर्दयी मां ने मार डाला। पुलिस को अंदेशा है कि जन्म से कुछ देर बाद ही उसे फेंका गया है।
मंगलवार दोपहर जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट मार्ग के पास एक कुत्ता नवजात के शव को लेकर सड़क में दौड़ लगाते दिखा। इस घटना को देख हर कोई भौचक्क रह गया। लोगों द्वारा इसकी सूचना डायल 100 पुलिस को सूचना दी गई, सूचना मिलते कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेते हुए पंचनामा कार्रवाई उपरांत नवजात के शव का पीएम कराकर दफना दिया और आवश्यक कार्रवाई मे जुट गई है।
बेटी होने की सजा या कुछ और-
नवजात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं रहीं। लोग आश्चर्यचकि त थे कि आखिर एक मां अपने दिल के टुकड़े को कैसे फेंक सकती है। संभवत: किसी नर्सिंग होम या अस्पताल में जन्म के बाद फेंके जाने की संभावना है। पुलिस उस निर्दयी मां और घरवालों को ढूंढने का प्रयास कर रही है।फिलहाल इस बारे में कुछ पता नहीं लग सका है।
गर्भपात के बाद यहां-वहां फेंक दिए जाते हैं भू्रण-
शहर सहित जिले भर में नर्सिंग होम व निजी क्लीनिकों में गर्भपात का खेल चल रहा है, जहां गर्भपात के बाद भ्रूण को यहां-वहां असुरक्षित तरीके से फेंक दिए जाते हैं, जिसे या तो चील कौवे खा जाते हैं या फिर कुत्ते अपने मुंह में दबाकर दौड़ लगाते नजर आते हैं। नवजात के शव को लेकर कुत्ते द्वारा मुंह में दबाकर बीच बाजार दौड़ लगाने का यह मामला नहीं है, इसके पहले भी जिले के रामपुर नैकिन विकासखंड मुख्यालय में भी गत माह एक ऐसा ही नजारा सामने आ चुका है।
पीसीपीएनडीटी एक्ट का सख्ती से नहीं हो रहा पालन-
पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम-1994 भारत में कन्या भू्रण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व ***** निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक (पीएनडीटी) एक्ट 1996, के तहत जन्म से पूर्व शिशु के ***** की जांच पर पाबंदी है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफ ी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
लिंगानुपात चिंता का विषय-
जिले का लिंगानुपात प्रति हजार में 920 है, जबकि प्रदेश का लिंगानुपता ९३१ प्रति हजार है। यानि जिले में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या कम है। इसके बावजूद गर्भ में बेटी होने पर लोग गर्भपात करा देते हैं, यानि जन्म लेने से पहले ही बेटियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है, जो कि जिले के घटते लिंगानुपात एक प्रमुख कारण होने के साथ ही चिंता का विषय है।
नवजात और शव मिलने का नहीं रूक रहा सिलसिला-
मामला-1
जीप से आए नाले मे छोड़कर हो गए गायब-
गत 5 फरवरी को मड़वास चौकी अंतर्गत सेहड़ा नाला के पास एक पुरूष व महिला जीप से बच्ची को गोद मे लेकर पहुंचे, उसे एक कपड़े मे लपेटकर नाले मे फेंक कर चले गए, जहां कुछ पुरूष व महिलाएं अपने पशुओ को चरा रहे थे, पुरूष व महिला के साथ आने और फिर वापस चले जाने पर उनको आशंका हुई, जिसके कारण वे नाले के किनारे जाकर देखे तो एक नवजात बच्ची पानी मे तैर रही थी, जिसे बाहर निकाला गया तो वह जीवित अवस्था में थी, पुलिस को सूचना देने पर मड़वास पुलिस मौके पर पहुंचकर नवजात को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाए, जहां उपचार शुरू होने के कुछ देर बाद नवजात ने दम तोड़ दिया।
मामला-2
हिरन नाले में मिला था नवजात का शव-
गत 29 जनवरी को स्थानीय शहर के चकदही मार्ग स्थित हिरन नाले के पुल के नीचे की सुबह एक नवजात बच्चे का शव पड़ा देखा गया। मुहल्ले के लोगों द्वारा घटना की सूचना पुलिस को दी गई। घटना स्थल पर पहुंची कोतवाली पुलिस द्वारा पंचनामा उपरांत शव को कब्जे में लेते हुए उसका पीएम कराया गया, इसके बाद शव का अंतिम संस्कार करते हुए मर्ग कायम कर विवेचना में ले लिया गया।
मामला-3
जीवित अवस्था में नाले में मिला था नवजात-
गत 5 सितंबर 2019 को जमोड़ी थाना अंतर्गत मौहरिया कला गांव में अलसुबह नाले में झाडिय़ों के बीच एक नवजात की रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों के रोंगटे खड़े हो गए। जाकर देखा तो झाडिय़ों में बिना कपड़ों के एक नवजात बच्ची ठंड से कंपकपाते हुए विलख रही थी। स्थानीय लोगों द्वारा तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही डायल १०० पुलिस मौके पर पहुंची और नाले में घुसकर नवजात बच्ची को झाडिय़ों से बाहर निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां नवजात बच्ची को एसएनसीयू वार्ड में उपचार के बाद वह स्वस्थ हो गई। जिसे बाद में अनाथ आश्रम रीवा भिजवा दिया गया था।
मामला-4
सूखा नदी में बहता मिला था नवजात का शव-
गत 25 अगस्त 2019 को सीधी शहर के बीचोबीच बहने वाली सूखा नदी में एक नवजात शिशु का बहता शव देखा गया था। स्थानीय लोागों द्वारा मामले की जानकारी सिटी कोतवाली पुलिस को दी गई। सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस द्वारा नवजात के शव को नदी से बाहर निकलवाया और कब्जे में लेकर पंचनामा कार्रवाई उपरांत शव को पीएम करवाने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया था।
पीसीपीएनडीटी एक्ट का हो रहा कड़ाई से पालन-
पीसीपीएनडीटी एक्ट का कड़ाई से पालन हो रहा है, यदि इसमें कुछ कमियां होंगी तो और कड़ाई बरती जाएगी। जहां तक बात नवजात के शव मिलने की है तो वह अवैध गर्भपात को लेकर भी हो सकती हैं, पुलिस को ऐसे मामलों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।
डॉ.बीएल मिश्रा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी सीधी

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