प्रवासी श्रमिकों का आवागवन किया गया प्रतिबंधित, छात्रावास, आश्रम व विद्यालयों में रुकने की जा रही व्यवस्था
सीधीPublished: Mar 31, 2020 09:47:19 pm
ठहरे हुए श्रमिकों को भोजन एवं स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के निर्देश, 350 से अधिक प्रवासीय श्रमिकों को प्रशासन ने की रुकने की व्यवस्था, व्यवस्थाओं को लेकर श्रमिकों ने उठाए सवाल
Movement of migrant workers banned, arrangements being made to stay in
सीधी। सीधी जिले के बाहर से आकर अन्य जिले व राज्यों के लिए जाने वाले श्रमिकों का अवागवन विशेष परिस्थिति को छोड़कर प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसे सभी श्रमिक/व्यक्ति जो सीधी जिले के निवासी नहीं हैं और लाक डाउन के कारण वर्तमान में सीधी जिले में फं स गए हैं, उनके ठहरने, भोजन एवं स्वास्थ्य जांच आदि की नि:शुल्क सुविधा जिले के आश्रमों, छात्रावासों एवं विद्यालयों में जिला प्रशासन द्वारा की गई है। इसी प्रकार सीधी जिले के ऐसे निवासी जो प्रदेश के अन्य जिलों में या प्रदेश के बाहर मज़दूरी करते हैं, को भी क्वारेंटाईन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसकी व्यवस्था के लिए सभी अनुविभागीय दंडाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
बताया गया कि सीधी जिले में वर्तमान में 350 से अधिक लोगों को क्वारेंटाईन कर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें से अधिकांश व्यक्ति सीधी जिले के निवासी हैंए जो नागपुरए सूरतए इंदौर आदि जगहों पर मज़दूरी का कार्य करते हैं। शेष श्रमिक सिंगरौलीए सतनाए छत्तीसगढ़ए महाराष्ट्र आदि से संबंधित हैंए जो कि लाक डाउन के कारण जिले में फँस गये हैं। इन व्यक्तियों को छात्रावासों में ठहरने तथा भोजन आदि की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इन सभी व्यक्तियों का रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है तथा निरंतर इनके स्वास्थ्य की निगरानी रखी जा रही है। कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने सभी अनुविभागीय दंडाधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे सभी व्यक्तियों को शासन के निर्देशानुसार सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
व्यवस्थाओं को लेकर श्रमिकों ने उठाए सवाल-
छात्रावासों एवं आश्रमों में जिला प्रशासन द्वारा ठहराए गए श्रमिकों द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए हैं। अर्जुन नगर छात्रावास में ठहराए गए कुछ श्रमिकों ने बताया कि यहां खाने में अधपका चावल तथा बिना नमक की दाल दी गई थी। छात्रावास में मच्छर इतना ज्यादा हैं कि स्वस्थ व्यक्ति भी लगता है बीमार हो जाएगा। वहीं नवजात बच्चे को लेकर रुकी कुछ महिलाओं ने बताया कि यहां बच्चे को पिलाने के लिए दूध की व्यवस्था नहीं की गई थी, जब बच्चा भूंख बिलख रहा था तो कई बार निवेदन के बाद देर शाम दूध की व्यवस्था बनाई गई। श्रमिकों की इस पीड़ा से स्पष्ट होता है कि श्रमिकों को ठहराने के बाद कलेक्टर द्वारा भले ही व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन जिम्मेदारों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे छात्रावास, आश्रमों में ठहराए गए प्रवासी श्रमिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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कहां कितने लोगों को की गई ठहरने की व्यवस्था-
*अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास मधुरी- 67
*अनुसूचित जाति बालक छात्रावास अर्जुन नगर- 50
*अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास अर्जुन नगर- 30
*अनुसूचित जनजाति तथा सामान्य छात्रावास पुरानी सीधी- 82
*अनुसूचित जनजाति छात्रावास टिकरी- 41
*माध्यमिक विद्यालय जोबा- 22
*अनुसूचित जाति छात्रावास चुरहट- 40
*अमिलिया के छात्रावास में- 16
*कुल – 348