शहर के शासकीय संजय गांधी महाविद्यालय में भृत्य पद से तीन वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए रामकुमार जायसवाल पिता परमेश्वर निवासी कुबरी ने पत्रिका से चर्चा के दौरान कहा कि मैंने किसी पार्टी से टिकट नहीं मांगी, मैं निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरना चाहता हूं। कितनी जनता मेरे साथ है यह मैं नहीं जानता, मैं तो केवल भगवान शंकर के आदेश का पालन कर रहा हूं। पहले मेरा नाम वोटर लिस्ट में था, मेरे बेटे बहू का नाम अभी भी वोटर लिस्ट में है, लेकिन जब आज मैं नामांकन पत्र दाखिल करने आया तो अधिवक्ताओं ने देखकर बताया कि आप का नाम ही वोटर लिस्ट में नहीं है। मेरा नाम जानबूझकर काटा गया है, इसके लिए मैं लड़ाई लड़ूंगा।
…तो लड़ूंगा लोकसभा का चुनाव
रामकुमार जायसवाल ने बताया कि पहले तो मेरा नाम वोटर लिस्ट में था, पूर्व के चुनावों में मैंने मतदान भी किया था, लेकिन इस बार नाम काट दिया गया, पता करने पर कुछ लोगों ने बताया कि मेरा नाम मृतक दर्शाकर वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। लेकिन नाम काटने की सच्चाई पता लगाकर रहूंगा, जरूरत पड़ी तो कलेक्टर के समक्ष धरने पर बैठ जाऊंगा। भगवान शंकर का आदेश हुआ है तो मैं चुनाव लड़कर रहूंगा, यदि वोटर लिस्ट में नाम कटने से विधानसभा चुनाव लडऩे से वंचित रह गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाने चुनाव मैदान में उतरूंगा।
रामकुमार जायसवाल ने बताया कि पहले तो मेरा नाम वोटर लिस्ट में था, पूर्व के चुनावों में मैंने मतदान भी किया था, लेकिन इस बार नाम काट दिया गया, पता करने पर कुछ लोगों ने बताया कि मेरा नाम मृतक दर्शाकर वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। लेकिन नाम काटने की सच्चाई पता लगाकर रहूंगा, जरूरत पड़ी तो कलेक्टर के समक्ष धरने पर बैठ जाऊंगा। भगवान शंकर का आदेश हुआ है तो मैं चुनाव लड़कर रहूंगा, यदि वोटर लिस्ट में नाम कटने से विधानसभा चुनाव लडऩे से वंचित रह गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाने चुनाव मैदान में उतरूंगा।