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हर बार पार्टी बदलकर चुनाव लड़ते हैं नेताजी, फिर भी जलवा बरकरार

locationसीधीPublished: Nov 11, 2018 01:59:58 am

Submitted by:

Sonelal kushwaha

तीन बार विधायक रहे केके सिंह फिर ठोंक रहे विधायकी के लिए ताल

mp: this leader changed the political party in every election

mp: this leader changed the political party in every election

सीधी. मध्य प्रदेश के सीधी जिले एक ऐसा भी सियासी चेहरा है, जो हर चुनाव में पाला बदल लेते हैं। इसके बाद भी इनका दबदबा कायम है। बात कर रहे हैं पूर्व विधायक कृष्णकुमार उर्फ केके सिंह की। इस चुनाव ये समाजवादी पार्टी की टिकट पर मैदान में उतरे हैं। इससे पहले भी सपा-कांग्रेस व दो बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। भाजपा में भी ज्वाइन की, लेकिन टिकट न मिलने पर जल्द ही अलविदा कह दिया।
1990 में लड़ा था पहला चुनाव
पहली बार 1990 में गोपद बनास विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन कांग्रेस से हार गए। 1993 के चुनाव में भी लड़े और निर्दलीय विधायक बने। इसके बाद 1998 में भारतीय कृषि उद्योग संघ से चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा प्रत्याशी केदारनाथ शुक्ला से हार गए। 2003 में उन्होंने सपा की सदस्यता ली और गोपद बनास विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। भाजपा-कांग्रेस को शिकस्त देते हुए विधायक निर्वाचित हुए। 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए, चुनाव भी लड़े, लेकिन 17 हजार मत ही मिले। इसके बाद भाजपा ज्वाइन कर ली। सीधी से टिकट मांगी, लेकिन लोकसभा का आश्वासन देकर शांत करा दिया गया। फिर भी टिकट नहीं मिला तो सपा की सदस्यता लेकर फिर सीधी सीट से मैदान में हैं।
भाजपा प्रत्याशी भी दिखा चुके तेवर
भाजपा प्रत्याशी केदारनाथ शुक्ला व कांग्रेस के कमलेश्वर द्विवेदी भी बागावत कर चुनाव लड़ चुके हैं।2003 में उमा भारती के भारतीय जन शक्ति पार्टी (भाजश) से चुनाव हारने के बाद केदारनाथ शुक्ला ने भाजपा ज्वाइन की थी। इसके बाद पार्टी ने 2008 व 2013 में इन्हें प्रत्याशी बनाया। दोनों बार जीते भी।
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