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जिला अस्पताल में नहीं मुफ्त मिलने वाली 38 फीसदी दवाएं, मरीजों को ढीली करनी पड़ रही जेब

locationसीधीPublished: Oct 09, 2018 04:23:49 pm

Submitted by:

suresh mishra

जिला अस्पताल में नहीं मुफ्त मिलने वाली 38 फीसदी दवाएं, मरीजों को ढीली करनी पड़ रही जेब

mukhyamantri nishulk dava yojana medicine in sidhi

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सीधी। सरकारी अस्पतालों से मरीजों को मुफ्त बांटी जाने वाले 300 तरह की दवाओं की सूची तो स्वास्थ्य विभाग ने चस्पा कर रखी है, लेकिन इस व्यवस्था के तहत आज तक 100 फीसदी दवाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकीं। अब भी स्टॉक में महज 123 तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। जन औषधि केंद्र व ओपन टेंडर से खरीदी के बाद भी दवा उपलब्धता का आंकड़ा 62 फीसदी पर ही अटका है। यानी कि 38 फीसदी दवाएं जो मरीजों को मुफ्त मिलनी चाहिए, उन्हें बाजार से खरीदना पड़ रहा है। नि:शुल्क दवा वितरण योजना का सीधा असर जिला अस्पताल पर पड़ रहा है।
जिले की सबसे अधिक ओपीडी वाली इस चिकित्सालय में रोजाना औसतन 400 से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं, लेकिन स्टोर में दवा उपलब्ध न होने पर उन्हें जरूरी दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ रही हैं। दवा भंडारण की जिम्मेदारी सीजीएमसी की है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है डिमांड लेटर भेजने के बाद भी दवा उपलब्ध नहीं कराई जाती। इस कारण जन औषधि केंद्र या लोकल परचेज से दवा खरीदनी पड़ती है।
दावा:
पहले दवा वितरण नियमित नहीं थी। कभी स्टॉक भेजा जाता, जिससे जो दवा उपलब्ध होती भेज दी जाती। शेष दवाएं या इन्हीं दवाओं का स्टॉक दोबारा कब आएगा, मालूम नहीं होता था। दो साल पहले मुफ्त वितरण के लिए दवा उपलब्ध कराने का जिम्मा सीजीएमसी को मिला था।
हकीकत:
सीजीएमएसी से दवा नियमित उपलब्ध कराई जाने लगी है, लेकिन यहां सूचीबद्ध दवाओं मे से केवल 123 तरह की दवाएं ही भेजी जा रही है। जिला अस्पताल में आवश्यक दवाएं न होने से उपचार में समस्या होती थी। लिहाजा, लोग बाजार से दवा खरीदने लगे।
जिम्मेदारी:
अस्पताल मे मरीजों को दवाएं मुफ्त देना है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को समय पर सीजीएमएसी को डिमांड भेजना है। जो दवा नहीं आती है उसे खरीदकर मरीज को उपलब्ध कराना है। इस तरह की पूरी जिम्मेदारी जिला अस्पताल प्रबंधन की होगी।
लापरवाही:
अस्पताल मे जीवन रक्षक दवाओं की सप्लाई में तो ठीक है, लेकिन दो माह पहले तक ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीजों को दवा खत्म हो जाने के कारण बाजार से दवा मगानी पड़ रही थी। आईओटी के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण दवा की अब तक सप्लाई ब्यवस्थित नहीं हुई है।
एंटी रैबीज की सप्लाई नहीं
वर्तमान में सबसे ज्यादा डिमांड एंटी रैबीज एंजेक्सन की है। केवल जिला चिकित्सालय में हर माह पांच सैकड़ा से ज्यादा इंजेक्शन की खपत है। इसे भी सीजीएमएसएसी सप्लाई नहीं कर पा रहा है। इसलिए इंजेक्शन को अस्पताल प्रशासन लोकल परचेज से खरीद रहे हैं।
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