विद्यालयों में एसडीएमसी का गठन
जबकि माध्यमिक स्तरीय विद्यालयों मे एसडीएमसी का गठन किया किया गया है। विभाग की ओर से प्रत्येक माह की अमावस्या को एसएमसी की बैठक करने का प्रावधान है। जिससे कि विद्यालय में विकास कार्याे व शैक्षिक गतिविधियों को गति मिल सके।
जबकि माध्यमिक स्तरीय विद्यालयों मे एसडीएमसी का गठन किया किया गया है। विभाग की ओर से प्रत्येक माह की अमावस्या को एसएमसी की बैठक करने का प्रावधान है। जिससे कि विद्यालय में विकास कार्याे व शैक्षिक गतिविधियों को गति मिल सके।
मॉनीटरिंग का अभाव
समिति में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष सहित 16 सदस्य होते हैं। इनमें पांच सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। कामकाज के दिन होने से अभिभावक सदस्य बैठकों में शामिल नहीं होते। हालांकि पूर्व मे सभी स्कूलो के प्रधानाध्यापको से बैठक की जानकारी मांगी जा चुकी है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि रबी सीजन मे अभिभावक खेती के कार्य में जुटे रहते हैं, जिससे बुलाने के बाद भी वे बैठक में नहीं शामिल हो पाते हैं। कोरम अभाव के कारण बैठकें नहीं आयोजित हो पा रही है।
समिति में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष सहित 16 सदस्य होते हैं। इनमें पांच सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। कामकाज के दिन होने से अभिभावक सदस्य बैठकों में शामिल नहीं होते। हालांकि पूर्व मे सभी स्कूलो के प्रधानाध्यापको से बैठक की जानकारी मांगी जा चुकी है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि रबी सीजन मे अभिभावक खेती के कार्य में जुटे रहते हैं, जिससे बुलाने के बाद भी वे बैठक में नहीं शामिल हो पाते हैं। कोरम अभाव के कारण बैठकें नहीं आयोजित हो पा रही है।
ये हैं अधिकार
विद्यालय स्तर पर गठित शाला प्रबंधन समिति का उपयोग विकास योजना को मूर्त रूप देना है। विद्यालय परिसर की साफ-सफाई भवन की समय पर मरम्मत का निर्णय, सम्पत्ति का लेखाजोखा, विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना, भवन विस्तार व जरूरी सुविधाएं बढ़ाना, विद्यालय की समय-सारणी के क्रियान्वयन सहित वेतन, कोष, आय के स्रोत बढ़ाने का कार्य शामिल हैं।
विद्यालय स्तर पर गठित शाला प्रबंधन समिति का उपयोग विकास योजना को मूर्त रूप देना है। विद्यालय परिसर की साफ-सफाई भवन की समय पर मरम्मत का निर्णय, सम्पत्ति का लेखाजोखा, विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना, भवन विस्तार व जरूरी सुविधाएं बढ़ाना, विद्यालय की समय-सारणी के क्रियान्वयन सहित वेतन, कोष, आय के स्रोत बढ़ाने का कार्य शामिल हैं।