scriptसत्ता परिवर्तन के साथ ही टूटा लोगों का सपना, कीचड़ वाले रास्तों से गुजरना ही नसीब | No budget for pilot project to make pitch roads in MP | Patrika News

सत्ता परिवर्तन के साथ ही टूटा लोगों का सपना, कीचड़ वाले रास्तों से गुजरना ही नसीब

locationसीधीPublished: Jun 15, 2020 04:36:18 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-पायलट प्रोजेक्ट में लगा ग्रहण, नहीं मिला बजट-बजट के अभाव में नहीं हो पाएगा जिले के कच्ची सड़कों का डामरीकरण -पायलट प्रोजेक्ट में शामिल था 90 किलोमीटर कच्ची सड़कों का डामरीकरण -30 किलोमीटर सड़कों का कार्य प्रगति पर, लेकिन इनका भुगतान भी अधर में -मध्य प्रदेश में लागू किए गए विशेष प्रोजेक्ट में छिंदवाड़ा व सीधी जिला था शामिल -पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल की पहल पर सीधी जिले को मिली थी विशेष प्रोजेक्ट की सौगात -पहले चरण में स्वीकृ़त की गई थी जिले की 58 सड़कें

दुर्दशाग्रस्त सीधी की सड़क  जिसे शामिल किया गया था पायलट प्रोजेक्ट में

दुर्दशाग्रस्त सीधी की सड़क जिसे शामिल किया गया था पायलट प्रोजेक्ट में

सीधी. सत्ता परिवर्तन के साथ ही बदल गईं प्राथमिकताएं। अब वर्षों पुराने कच्चे रास्तों से ही संतोष करना होगा नागरिकों को। चार महीने पहले तक की कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश सरकार में शुरू कीचड़युक्त सड़कों को पिच रोड में तब्दील करने वाले पायलट प्रोजेक्ट के लिए बजट का इंतजाम नहीं किया गया। लिहाजा अब ये सड़कें बजट के अभाव में नहीं बनेंगी। जहां काम चल रहा था वो भी अब बंद हो जाएगा।
बता दें कि कांग्रेस के शासनकाल में जिले की कीचडय़ुक्त सड़कों से निजात के लिए मध्य प्रदेश ग्रामीण संपर्कता कार्यक्रम अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट लागू किया गया था। योजना में प्रदेश के मात्र दो जिले सीधी और छिंदवाड़ा को शामिल किया गया था, जहां ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा संभाग (आरईएस) के द्वारा कच्ची सड़कों को चिन्हांकन कर उन्हें डामरीकृत करना था। योजना के पहले चरण में जिले की करीब 90 किलो मीटर लंबाई की 58 सड़कें स्वीकृत की गई थी, जिसकी लागत 4042.46 लाख रुपए रही। इनमें से ज्यादातर सड़कों के लिए टेंडर आदि प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और सड़कों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया था। लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने व कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए घोषित किए गए लॉकडाउन का असर इस पायलट प्रोजेक्टर पर भी पड़ा है। प्रोजेक्ट को बजट न मिलने से कच्ची सड़कों के डामरीकरण का कार्य प्रभावित हो गया है। प्रोजेक्ट में शामिल 90 किमी की सड़कों में से करीब 30 किमी सड़कों का कार्य वर्तमान में प्रगति पर बताया जा रहा है, लेकिन जो कार्य प्रगति पर है उसके भुगतान के लिए भी बजट नहीं है। वहीं शेष 60 किमी की सड़कों के डामरीकरण का बजट कब आएगा इसकी कोई उम्मीद अभी फिलहाल नजर नहीं आ रही है, ऐसी स्थिति में जिले की कीचडय़ुक्त कच्ची सड़कों से इस बारिश के मौसम में भी निजात मिल पाना मुस्किल नजर आ रहा है।
बता दें किजिले में एक बड़ी समस्या कच्ची सड़कों को लेकर है, कई राजस्व ग्रामों के मुख्य मार्ग पक्के न होने से बारिश के मौसम में कीचड़ से सनी सड़कों के कारण लोगों का आवागवन प्रभावित हो जाता था। हलांकि इनमें से ज्यादातर सड़कों के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कार्य किए जाने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन स्वीकृत न मिलने से सड़कों का निर्माण कार्य अधर में था। इससे संबंधित क्षेत्र के लोग परेशान थे। इस समस्या से निजात के लिए सिहावल विधायक एवं तत्कालीन पंचायत एवं ग्रामीण विकासमंत्री कमलेश्वर पटेल के प्रयास से सीधी जिले में पायलट प्रोजेक्ट लागू हुआ, ताकि कच्ची सड़कों का डामरीकरण किया जा सके और डामरीकृत सड़कों के निर्माण से ग्रामीणों को कीचडय़ुक्त सड़कों से निजात मिले।
पांच वर्षों तक होना है संधारण

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी राशि से ही निर्मित सड़क का 5 वर्षों तक संधारण भी किया जाएगा। मध्य प्रदेश ग्रामीण संपर्कता कार्यक्रम पूर्णत: राज्य सरकार प्रायोजित स्कीम है। इस योजना के अंतर्गत दोहरी संपर्कता वाले मार्गों का उन्नयीकरण तथा ग्रामीण यंत्रिकी सेवा द्वारा ग्रेवल स्तर तक पूर्व निर्मित मार्गों का डामरीकरण किया जाना है।
ये सड़कें हुई हैं स्वीकृत
मध्य प्रदेश ग्रामीण संपर्कता कार्यक्रम अंतर्गत जिले की 58 सड़कें स्वीकृत की गई हैं। स्वीकृत सड़क मार्गों में सीधी विकासखंड अंतर्गत कमर्जी मार्ग से देवाडांड़, पीएमजीएसवाई से कोटहा मार्ग, टिकरी मार्ग से बैरिहा मिश्रान मार्ग, पीएमजीएसवाई बरंबाबा तिलमानी रोड से पवैया मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड गांधीग्राम चौफाल से बड़ी टोला, पनवार खिरखोरी रोड से बोड़हा मार्ग, कोल्हूडीह बढ़ौना मार्ग से सरेहिया मार्ग, पीएमजीएसवाई पड़रिया मरसर से मुनगहा मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड कोटदर खुर्द से कोटदर कला मार्ग, बघऊं बहेरा रोड से परसिद्धी मार्ग, पीएमजीएसवाई बघऊं बहेरा से हडग़ड़ी मार्ग, पीएमजीएसवाई बघऊं बहेरा से मधुगांव वीरान मार्ग, चुरहट अमिलिया रोड से पतेरी नंबर १ मार्ग, चुरहट अमिलिया रोड से पतेरी नंबर-२ मार्ग, कोल्हूडीह पड़रिया से नेगुड़ा मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड बघऊं बहेरा रोड से पथरहा मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड मरसरहा से बघमरा मार्ग तथा बघऊं बहेरा रोड से चक पथरहा मार्ग शामिल हैं। इसी तरह रामपुर नैकिन विकासखंड अंतर्गत अमिलहा झगरी रोड से कनकटी मार्ग, धनिगवां से दुधमनिया मार्ग, कंधवार से कोटा मार्ग, घुंघुटा से खैरी मार्ग, पीएमजीएसवाई पडख़ुरी ५८६ से पाठ पहाड़ मार्ग, एनएच 75 से गाजर पाठ पहाड़ मार्ग, बडख़रा 734 से बडख़रा 738 मार्ग तथा हत्था शिकारगंज से चोभरा विनायक सिंह मार्ग शामिल है। वहीं सिहावल विकासखंड अंतर्गत एनएच 75से चंदवाही बीटी रोड, कुचवाही झुहिया रोड से पोखड़ौर मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड कुबरी झुमरिया से जिनगहा मार्ग, कुबरी खोंचीपुर मार्ग से कोठार मार्ग, जोगीपुर पिपरोहर बिछिया रोड से घूंघा मार्ग, रामडीह से सतपहरा मार्ग, मोडि़का से भलुहई मार्ग, रामडीह सोनतीर पटेहरा से गजरहा मार्ग, बांकी से करकोटा मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड से मड़रिया मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड से रजोईबांध मार्ग, देवरी तलाव से झरिया मार्ग, कुनझुनकला से परवा मार्ग, बहरी हनुमना जतखनिया रोड से बैरिहा पैपखरा मार्ग, कुबरी खोंचीपुर मार्ग भनवारी से मटपुरिया मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड सिहौलिया से मुड़वानी मार्ग, बहरी से पताई मार्ग, चुरहट अमिलिया मार्ग से पचदो उन्मुक्त मार्ग, एसएच बहरी हनुमना रोड जोकहा से बगेरी पहुंच मार्ग, बहरी हनुमना रोड से अमादेई मार्ग, पिपरहा से विजयपुर मार्ग, एनएच ७५ बहरी कुचवाही रोड से नरायणपुर मार्ग तथा एनएच ७५ तेंदुहा नंबर १ से सदला मार्ग शामिल है। वहीं मझौली विकासखंड अंतर्गत बड़काडोल से डीम मार्ग, मझौली भैंसवाही रोड से अमेढिय़ा मार्ग, मझिगवां धनौर रोड रेलवे गेट से अमहा मार्ग, पीएमजीएसवाई रोड खजुरिहा से जुनेर मार्ग, मझिगवां समदा सीएमजीएसवाई रोड से घोड़पड़ा मार्ग, जोड़ौरी से घरभरा मार्ग, सिरौली पैपखरा रोड से बेलहाई मार्ग, चौहानन टोला से शेर मार्ग तथा अकौना मड़वास जोड़ौरी से धरमपुरा मार्ग शामिल है।
प्रोजेक्ट में बजट की है समस्या
“पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहली बार ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग द्वारा डामरीकृत सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। जिले में इस योजना के तहत पहले चरण में स्वीकृत 90 किमी की 58 सड़कों में 30 किमी की सड़क में डामरीकरण का कार्य प्रगति पर है। लेकिन कोरोना के कारण बजट की समस्या है। बजट प्राप्त होने पर ही सड़को के डामरीकरण का कार्य हो पाएगा।”- हिमांशु तिवारी, कार्यपालन यंत्री आरईएस संभाग सीधी
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