दरअसल, शिवराज सरकार के समय सीधी सहित प्रदेश में 9 जिलों की करीब 50 पंचायतों में इस तरह से राशि जारी की गई थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए कमलनाथ सरकार ने ब्रेक लगा दिया। अब उन्हें स्वीकृत किया गया बजट वापस करने की तैयारी की जा रही है। इन पंचायतों में सीसी सड़क, सामुदायिक भवन सहित अन्य विकास कार्य कराने के लिए करोड़ोंं रुपए स्वीकृत किए गए थे।
सीधी जिले की 26 ग्राम पंचायतों में 27 निर्माण कार्य स्टाम्प मद शुल्क की राशि से स्वीकृत किए गए थे। इनके लिए 6 करोड़ 25 लाख 66 हजार रुपए का बजट मंजूर था। लेकिन जिला पंचायत सीइओ अवि प्रसाद ने अनियमितता की शिकायत मिलने पर जांच के निर्देश जारी करते हुए चार कार्य निरस्त कर दिए थे। इन की स्वीकृत राशि 3 करोड़ 87 लाख 34 हजार रुपए थी। अब शेष 23 कार्य भी निरस्त कर इसके लिए जारी बजट 2 करोड़ 38 लाख 34 हजार सरकार वापस करने की तैयारी में है।
राज्य शासन ने जिन पंचायतों से राशि वापस लेने का निर्णय लिया है। उनमें ग्राम पंचायत सेंदुरा में 98 लाख 55 हजार, पोस्ता में 65 लाख, खंतरा में एक करोड़ 37 लाख 99 हजार व सुपेला में 85 लाख 78 हजार से तालाब निर्माण को जिला पंचायत ने पहले ही स्थगित कर दिया था। अब ग्राम पंचायत बघवार में 20 लाख, देवरी 12 लाख, बघवार 20 लाख, चकड़ौर 20 लाख, कंधवार 20 लाख, करगिल 20 लाख, तेगवां 12 लाख, चितवरिया 12 लाख, ददरी कला 12 लाख, लौआ 20 लाख, पोखड़ौर 12 लाख की लागत से स्वीकृत सामुदायिक भवन के निर्माण कार्य, धुपखड़ 10 लाख, लुरघुटी 12 लाख, बरौं 4 लाख 96 हजार, नौंगवा 6 लाख 13 हजार, उमरिहा 6 लाख 25 हजार, महुआर 2 लाख 50 लाख, मझरेठी 4 लाख, पतुलिखी 2 लाख 50 हजार, पैगवां 3 लाख, राजगढ़़ 2 लाख, सुपेला 5 लाख व तरका पंचायत में सड़क निर्माण के लिए स्वीकृत 2 लाख रुपए वापस करने की तैयारी में है। ये भी काम शिवराज सरकार के समय मंजूर किए गए थे।