चिकित्सकों की मनमानी
जिला अस्पताल में सायंकालीन ओपीडी के ५ से ६ बजे तक का समय निर्धारित है। चिकित्सकों को आदेशित किया गया है कि इस समय वे ओपीडी में मौजूद रहकर आने वाले मरीजों को परामर्श दें, लेकिन गुरुवार शाम करीब ५.३० बजे मौके पर पहुंची पत्रिका टीम को ज्यादातर चिकित्सक सीट से गायब मिले। जबकि बड़ी संख्या में मरीज उनके इंतजार में इधर-उधर भटकते नजर आए।
कुछ ही डॉक्टर मिले ओपीडी में
ओपीडी में सिविल सर्जन डीके द्विवेदी सहित केवल तीन चिकित्सक ही उपस्थित थे। इनमें अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. उदय सिंह व नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आईपी प्रजापति शामिल हैं। इनके अलावा आपातकालीन चिकित्सका सेवा में डॉ. संदीप भगत मरीजों का उपचार करते पाए गए। शेष चिकित्सक कब आते हैं और कब चले जाते हैं, यह बाताने वाला कोई नहीं था।
जिला अस्पताल में चिकित्सकों का टोटा
हालांकि, बताया गया कि जिला अस्पताल में चिकित्सकों के बड़ी संख्या मेेंं पद रिक्त हैं। डेढ़ दर्जन चिकित्सक पदस्थ भी हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर चिकित्सक किसी न किसी बहाने मुख्यालय में रहने के बावजूद भी जिला अस्पताल जाना जरूरी नहीं समझते। वे घर में ही मरीजों का परीक्षण करते रहते हैं। कुछ चिकित्सक आते तो हैं, लेकिन ओपीडी में बैठने की बजाय वार्डों में घूमकर लौट जाते हैं।
आपातकालीन चिकित्सक ही विकल्प
शाम की ओपीडी में शहरी क्षेत्र के लोग ही परामर्श के लिए पहुंचते हैंं, वे विशेषज्ञ को दिखाना चाहते हैं, लेकिन काफी इंतजार के बाद भी वे नहीं आते तो मजबूरी में आपातकालीन चिकित्सक को ही दिखाकर वापस चले जाते हैं।