सीधी

सड़कों पर रात गुजार रहे लोग, रात में रैन बसेरा का नहीं खुलता ताला

प्रचार-प्रशार के अभाव में नहीं है मुसाफिरों को रैन बसेरा की जानकारी, गरीब नहीं उठा पाते होटल का खर्च, बस स्टैंड की कुर्सियों में गुजारते हैं रात

सीधीMay 20, 2019 / 01:37 pm

Manoj Kumar Pandey

sidhi news

सीधी। नगर पालिका द्वारा मुसाफिरों को ठहरने के लिए रैन बसेरा बनाया गया है, जहां बीस रूपए में ठहरने की उत्तम व्यवस्था है। लेकिन इस उत्तम व्यवस्था की जानकारी ज्यादा लोगों को नहीं है। खासकर बाहर से आने जाने वाले लोग रैन बसेरा के बारे में नहीं जानते, इसका एक मात्र कारण प्रचार-प्रशार का अभाव है। शहर के सार्वजनिक स्थलों खासकर बस स्टैंड में रैन बसेरा के बारे में आवश्यक जानकारियां उल्लेखित नहीं की गई हैं, न हीं कोई बैनर या पोस्टर लगाए गए हैं। ऐसी स्थिति में रात्रि में ठहरने के लिए होटल का खर्च वहन न करने की स्थिति वाले लोग सड़क के फुटपाथ, बस स्टैंड की कुर्सियों में ही सो कर रात गुजार देते हैं।
उल्लेखनीय है कि गरीब वर्ग के ऐसे मुसाफिर जिन्हे किसी कारणवस शहर में रात्रि में रूकना पड़ जाए और वह होटल का खर्च वहन न कर पाने की स्थिति में हो, उनके लिए कम खर्च यानि महज बीस रूपए में ठहरने की व्यवस्था के लिए रैन बसेरा संचालित किया गया है। नपा का यह रैन बसेरा पूरी तरह से व्यवस्थित और साफ सुथरा है। लेकिन बस स्टैंड से दूर होने के साथ ही रैन बसेरा का व्यापक प्रचार प्रशार न होने के कारण मुसाफिर इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
रात्रि में नहीं खुलता ताला-
कुछ यात्रियों ने बताया कि रात्रि ११ बजे के बाद रैन बसेरा में जाने पर बाहरी गेट में ताला बंद मिलता है, गेट खटखटाने पर कोई खोलने नहीं आता, कर्मचारी अंदर कूलर लगाकर सो जाते हैं, बाहर कोई चौकीदार नहीं रहता, जिससे बाहर से आवाज लगाने पर शायद अंदर तक आवाज ही नहीं जा पाती जिसेस गेट नहीं खुल पाता। इसलिए रात्रि के समय हम रैन बसेरा नहीं जाते।
सड़क में गुजारते हैं रात-
सोनांचल बस स्टैंड मेें कुर्सियों व फुटपाथ पर रात गुजारने वाले कुछ मुसाफिरों ने बताया कि इतना पैसा नहीं है कि होटल ले सकें, जब उन्हे रैन बसेरा के बारे में बताया गया तो उनका कहना था कि हमे इसकी जानकारी ही नहीं थी, अगली बार रूकना पड़ा तो निश्चित रूप से उसका लाभ लेंगे।
सामाजिक संस्था चला रही रैन बसेरा-
सीधी शहर में महज एक रैन बसेरा है, जो शहर के जिला अस्पताल के पास संचालित है। नपा द्वारा इस रैन बसेरा को चलाने की जिम्मेदारी नवचेतना सामाजिक संस्थान को 25 हजार रूपए मासिक किराए पर दी गई है। रैन बसेरा में कुल 25 बेड हैं। नियमानुसार यहां बाहरी लोगों यानि मुसाफिरों को 20 रूपए प्रति बेड का चार्ज निर्धारित है, जबकि स्थानीय लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान रखा गया है। निजी संस्थान को किराए पर दिए जाने के कारण यहां सफाई सहित अन्य सुविधाएं बेहतर हैं।

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