84 में सिर्फ 18 प्राचार्य
जिले मे संचालित हाईस्कूलों में 84 प्राचार्यों की आवश्यकता है, इस अनुरूप पद भी सृजन किया गया है किंतु एक चौथाई से ज्यादा स्कूलों में प्राचार्य नहीं है। 88 पद के विरुद्ध सिर्फ 18 स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ हैं, शेष 66 स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हुए हैं।
जिले मे संचालित हाईस्कूलों में 84 प्राचार्यों की आवश्यकता है, इस अनुरूप पद भी सृजन किया गया है किंतु एक चौथाई से ज्यादा स्कूलों में प्राचार्य नहीं है। 88 पद के विरुद्ध सिर्फ 18 स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ हैं, शेष 66 स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हुए हैं।
हायर सेकंडरी में सिर्फ 20 प्राचार्य
हायर सेकंडरी स्कूलों में भी प्राचार्य के पद थोक के भाव में रिक्त पड़े हुए हैं। जिले में हायर सेकंडरी स्कूल के लिए प्राचार्य के 88 पद स्वीकृत हैं जिसके बादले मात्र 20 स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ हैं जबकि 68 पद प्राचार्य के रिक्त पड़े हुए हैं। लंबे समय से नियुक्ति न होने के कारण प्रमोशन देकर प्राचार्य बनाया जा रहा है।
हायर सेकंडरी स्कूलों में भी प्राचार्य के पद थोक के भाव में रिक्त पड़े हुए हैं। जिले में हायर सेकंडरी स्कूल के लिए प्राचार्य के 88 पद स्वीकृत हैं जिसके बादले मात्र 20 स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ हैं जबकि 68 पद प्राचार्य के रिक्त पड़े हुए हैं। लंबे समय से नियुक्ति न होने के कारण प्रमोशन देकर प्राचार्य बनाया जा रहा है।
थोक के भाव में व्याख्याता के पद रिक्त
जिले की शासकीय स्कूलों में व्याख्याताओं का भी अभाव बना हुआ है। कई स्कूलों में व्याख्याता पदस्थ ही नहीं है। जिले के स्कूलों में व्याख्याता के कुल 198 पद स्वीकृत किए गए हैं जिसके बदले मात्र ७३ व्याख्याता ही पदस्थ हैं शेष 125 पद वर्षों से रिक्त पड़े हुए हैं।
जिले की शासकीय स्कूलों में व्याख्याताओं का भी अभाव बना हुआ है। कई स्कूलों में व्याख्याता पदस्थ ही नहीं है। जिले के स्कूलों में व्याख्याता के कुल 198 पद स्वीकृत किए गए हैं जिसके बदले मात्र ७३ व्याख्याता ही पदस्थ हैं शेष 125 पद वर्षों से रिक्त पड़े हुए हैं।