इस समय भीषण गर्मी का दौर चल रहा है, जिससे बचने के लिए लोग कूलर व पंखे का सहारा ले रहे हैं, किंतु इस बीच बिजली की कटौती के कारण गर्मी से लोग बेहाल हो रहे हैं। शहरों मे भी घोषित कटोती के मुकाबले अघोषित कटौती की मार है। थ्री फेस बिजली नहीं आने से जलापूर्ति की टंकियां रीती हैं। फसलों की गहाई नहीं हो पा रही है।
विद्यार्थी अंधेरे मे चिमनी के उजाले में पढने को मजबूर हैं। कोरोना संक्रमण के चलते मंदी से गुजर रहे व्यापारियों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो रहा है। वर्ष भर में कमाई का बड़ा मौका शादी विवाह का सीजन होता है, जो कटौती की मार झेल रहा है। कटौती होने से ग्राहकी मंदी है। समय से खाद्य सामग्री तैयार नहीं होने से दुकानदारों की साख खराब हो रही है। इधर विभागीय कर्मियों का कहना है कि मांग के मुकाबले उत्पादन में कमी आने से बिजली संकट पेंदा हो रहा है।
कटौती से शहर में व्यापार प्रभावित हो रहे हैं। गांवो मे करीब 15 घंटे की कटौती ने जन जीवन झकझोर दिया है। सुबह 8 बजते ही बिजली गुल हो जाती है। बिजली से संबंधित कई दैनिक कार्यों के लिए भी लोगों को भटकना पड़ता है। दस्तावेज की फोटो कांपी, लेमीनेशन, आनलाईन फार्म भरने के लिए घंटो का इंतजार करना पड़ रहा है।
आमलोगों की परेशानी
सिहावल क्षेत्र में विगत एक सप्ताह से बिजली चरमरा गई है। दिनभर घंटो गुल रहने के बाद भी रात में पूरी आपूर्ति नहीं की जा रही है। संपन्न परिवार तो इन्वर्टर के माध्यम से काम चला रहे हैं लेकिन मध्यमवर्गीय लोगों को लालटेन का सहारा लेना पड़ रहा है। आटा चक्कियां बंद रहने से परेशानियां बढ़ रही है।