7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मप्र में शिक्षा व्यवस्था की हकीकत: 72 फीसदी सरकारी स्कूल प्राचार्य विहीन, शिक्षक संभाल रहे प्रभार

सीधी जिले में 134 सरकारी स्कूल के बीच सिर्फ 38 प्राचार्य

less than 1 minute read
Google source verification
Rajasthan Govt Schools

Teachers' negligence in govt school in Singrauli, teaching stop

सीधी. जिले की शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो है ही, व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए प्राचार्य भी नहीं हैं। आलम ये है कि जिले के ७२ फीसदी सरकारी स्कूल प्रभारियों के भरोसे चल रहे हैं। शिक्षक इनके निर्देशों का पालन करना उचित नहीं समझते, जिस कारण शैक्षणिक व्यवस्था बेपटरी बनी रहती है।

एक चौथाई से ज्यादा स्कूलों में प्राचार्य नहीं
जिले में संचालित हाईस्कूलों मे ८४ प्राचार्यों की आवश्यकता है, इस अनुरूप पद भी सृजन किया गया है किंतु एक चौथाई से ज्यादा स्कूलों में प्राचार्य नहीं हैं। ८४ पद के विरुद्ध सिर्फ १८ स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ हैं। शेष ६६ स्कूलों में शिक्षकों को प्रभार सौंपा गया है। ऐसी ही स्थिति हायर सेकेंड्री स्कूलों की है। यहां भी बड़ी संख्या में प्राचार्य के पद रिक्त हैं। जिले में हायर सेकेंड्री स्कूल ८८ हैं, लेकिन प्राचार्य २० ही हैं। जबकि ६८ पद प्राचार्य के रिक्त पड़े हैं। लंबे समय से नियुक्ति नहीं हुई। प्रमोशन देकर प्राचार्य बनाया जा रहा है।

व्याख्याता के पद भी रिक्त पड़े
जिले की शासकीय स्कूलों में व्याख्याताओं का भी अभाव बना हुआ है। कई स्कूलों में व्याख्याता पदस्थ ही नहीं हैं। जिले के स्कूलों में व्याख्याता के कुल १९८ पद स्वीकृत किए गए हैं। इसके बदले मात्र ७३ व्याख्याता ही पदस्थ हैं शेष १२५ व्याख्याता के पद वर्षों से रिक्त पड़े हुए हैं।

फैक्ट फाइल
पद स्वीकृत रिक्त
व्याख्याता १९८ १२५
प्राचार्य हाइस्कूल ८४ ६६
प्राचार्य हायर से. ८८ ६८