58 करोड़ की पेयजल योजना अटकी, पांच साल से आश्वासन के घूंट पी रहे 26 गांवों के रहवासी
मझौली जनपद में दो साल में पूरा करना था काम, पर ढिलाई से अटका मामला

सीधी. मझौली जनपद क्षेत्र में 58 करोड़ की निर्माणाधीन पेयजल परियोजना २६ पंचायतों के लिए में पेयजल के लिए शुरू की गई मझौली बहुउद्देशीय ग्रामीण पेयजल सप्लाई योजना अभी भी अधर में लटकी हुई है। जबकि योजना का कार्य पिछले करीब पांच वर्ष से चल रहा है। हालांकि, प्रशासन द्वारा योजना इस योजना को दो वर्ष में पूर्ण करने की शर्तें निविदा में संविदाकार को दी गई थीं, लेकिन दो वर्ष क्या पांच वर्ष में कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। अब परियोजना प्रमुख द्वारा इस योजना के माध्यम से आगामी मई माह में पेयजल सप्लाई के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन अंतिम चरण का कार्य भी जिस गति से चल रहा है उससे इस गर्मी के मौषम में भी पेयजल सप्लाई को लेकर संशय बना हुआ है।
26 गांव में पहुंचाना है बनास नदी का पानी
करीब 58 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही मझौली बहुउद्देशीय ग्रामीण पेयजल सप्लाई योजना के लिए बनास नदी से पानी की सप्लाई की जानी है। इसके लिए परसिली में वाटर फिल्टर प्लांट निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण है, इसके बाद चिन्हित गांवों के लिए शुद्ध पेयजल की सप्लाई किया जाना है। 26 ग्रामों में पानी सप्लाई के लिए दस गावों में वाटरहेड बनाए गए हैं, एक वाटर हेड से दो से तीन गांवों में पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर पेयजल की सप्लाई की जाएगी।
मुख्यालय को नहीं मिलेगी समस्या से मुक्ति
मुख्यालय मझौली को इस महत्वपूर्ण पेयजल परियोजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके संबंध में परियोजना प्रमुख ने बताया कि भले ही मझौली में सबसे ज्यादा पानी का संकट हो, लेकिन मझौली को इस योजना में शामिल तो किया गया था लेकिन किसी कारण उसे इस सूची से अलग कर दिया है, इसलिए अब सिर्फ चिह्नित गांवों को ही इसका लाभ मिल पाएगा।
वनभूमि के कारण हुई देरी
परियोजना निर्माण में देरी होने का कारण वन विभाग की जमीन निर्माण क्षेत्र में होने से उसके स्वीकृत कराने में ज्यादा समय लगना बताया जा रहा है। फिल्टर प्लांट, पाइप लाइन एवं वाटर हेड निर्माण का कार्य लगभग पूरा होना बताया जा रहा है। जबकि बनास नदी में बनाया जाने वाला इंटक वेल का निर्माण अभी पूर्ण होना शेष है। यहां निर्वाध बिजली व्यवस्था के लिए मध्य प्रदेश जल निगम द्वारा बिजली कंपनी से अनुबंध किया है। इसमें 24 घंटे विद्युत उपलब्ध कराई जाएगी, जो पांड़ सब स्टेशन से प्लांट के लिए बिजली जाएगी। कार्य पूरा करके मई 2019 गर्मी सीजन में सभी ग्रामों के लिए इस परियोजना से पेयजल व्यवस्था उपलब्ध करा दी जाए, इसके प्रयाश किए जा रहे हैं। ग्राम सेंटरों में पानी की टंकियों में बैकल्पिक पानी के जरिए ग्राम के सप्लाई पाइपों में चेकिंग की जा रही है। जिसमें कुछ सेंटरों की सप्लाई चेकिंग हो गई है, शेष में जारी है। अगर यह परियोजना अपने असली मूर्त रूप में आती है तो क्षेत्र के लिए लंबे समय से चल रही पेयजल समस्या से लोगों को निदान मिल जाएगा।
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