scriptनिजी स्कूल संचालको के द्वारा नहीं कराई जा रही छात्रवृत्ति मैपिंग | Scholarship mapping not being provided by private school operators | Patrika News

निजी स्कूल संचालको के द्वारा नहीं कराई जा रही छात्रवृत्ति मैपिंग

locationसीधीPublished: Feb 25, 2020 01:25:23 pm

Submitted by:

op pathak

निजी स्कूल संचालको के द्वारा नहीं कराई जा रही छात्रवृत्ति मैपिंग, मान्यता समाप्त करने का प्रतिवेदन देने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई, संकुल प्राचार्य के द्वारा छह निजी स्कूलों की मान्यता समाप्त करने के लिए दिया गया था प्रतिवेदन

सीधी। जिले मे संचालित कई निजी स्कूलें मापदंडो का पालन नहीं कर रही है, जांच के दौरान आरटीई के मानकों का पालन न करने पर संकुल प्राचार्यों के द्वारा मान्यता समाप्त करने का प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा जाता है किंतु संकुल प्राचार्यों के प्रतिवेदन पर वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नही की जाती है, जिसके कारण निजी संचालकों के हौंसले बुलंद बने हुए हैं। वहीं स्कूल मे अध्ययनरत छात्रों की छात्रवृत्ति मैंपिग मे भी लापरवाही बरती जा रही है, जिसके कारण गरीब बच्चे छात्रवृत्ति योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, स्कूल संचालकों के द्वारा एक तरफ अभिभावकों से शुल्क के नाम पर तो मोटी रकम की वसूली की जाती है दूसरी तरफ शासन से मिलने वाली आर्थिक लाभ भी दिलाने मे लापरवाही बरती जा रही है।
इन स्कूलों की मान्यता समाप्त करने का सौंपा गया प्रतिवेदन-
सिहावल विकासखंड अंतर्गत संचालित ६ निजी स्कूल संचालकों के द्वारा छात्रवृत्ति की मैपिंग व फीडिग़ नही कराई गई थी, जिसके कारण वरिष्ठ अधिकारियों की फटकार का सामना संकुल प्राचार्य को करना पड़ रहा था, जिसके कारण लापरवाही बरतने वाले छह स्कूलों की मान्यता समाप्त करने की प्रतिवेदन विकासखंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया था, जिसमें सरस्वती ज्ञान मंदिर चितवरिया नंबर-२, सरस्वती ज्ञान मंदिर सवैचा, सिहावल, अशासकीय स्वर्गीय रंगदेव सिंह स्मृति पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिहावल, ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल सिहावल व विंध्य पब्लिक स्कूल सिहावल शामिल हैं।
प्रस्ताव के बाद भी नहीं की गई कार्रवाई-
संकुल प्राचार्य के प्रतिवेदन दिए हुए एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है किंतु वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा आज दिनांक तक किसी तरह की कार्रवाई करना उचित नहीं समझा गया, नहीं छात्रवृत्ति मैपिंग की दोवारा समीक्षा ही गई। वरिष्ठ अधिकारियों की नजरअंदाजी के कारण स्कूल संचालक मनमानी पर उतारू हैं।
मापदंडो की सिर्फ कागज मे पूर्ति-
शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत स्कूल संचालन के लिए मापदंडो का निर्धारण किया गया है, किंतु जिले मे संचालित आधे से अधिक स्कूल संचालकों के द्वारा मापदंडो की पूर्ति नहीं की जा रही है, छोटे-छोटे खपड़ैल कमरे मे ही स्कूल खोल दी गई, शौंचालय सहित प्रयोगशाला कक्ष का निर्माण नहीं है, फिर भी कागज मे मापदंडो की पूर्ति दर्शाकर, बीआरसी के यहां प्रस्तुत कर दिया गया, किंतु बीआरसी के द्वारा स्थल पर जाकर निरीक्षण करना उचित नहीं समझा जाता है और मान्यता जारी कर दी गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो