रेत उत्खनन के लिए अनुपात अनुमति देने के दौरान निर्धारित की गई थी, किंतु इस काम मे लगे लोगों के द्वारा जेसीबी व टूटेन मशीनें लगाकर दिन रात बराबर रेत का उत्खनन महीने भर से किया जा रहा है, जिससे मरसरहा गांव मे करीब आधा किलोमीटर की दूरी मे रेत का पहाड़ खड़ा कर दिया गया है।
दिन मे तो पट्टे की भूमि से रेत की निकासी का कार्य किया जाता है, किंतु पट्टे की भूमि मे जो रेत उपलब्ध उसमें मिट्टी मिली हुई है, जिससे लोग रेत खरीदने मे कोताही बरत रहे थे, जिसे देखते हुए संविदाकार के द्वारा रात मे जेसीबी मशीन से प्रतिवंधित सोन नदी से रेत का उत्खनन कर हाइवा वाहन से पट्टे की भूमि की रेत मे सोन नदी के रेत को मिलाकर रेत विक्री करने का कारोवार किया जा रहा है।
उपखंड अधिकारी सिहावल व खनिज विभाग के द्वारा दविश देकर खदान से आधा सैकड़ा वाहन व मशीनें जब्त की गई है, जिसमें एक ट्रक क्रमांक यूपी 63 टी 4113, डंफर क्रमांक एमपी 53 जीए 1222, दो जेसीबी, एक टूटेन चैन वाली मशीन, एक बालू फिल्टर मशीन व इंजन, एक मानीटर, एक सीपीयू की जप्ती बनाकर बहरी पुलिस के सुपुर्द किया गया है।
सिहावल विकासखंड अंतर्गत मरसरहा मे ही नहीं बल्कि पंचायतो को आवंटित ऐसी आधा दर्जन से ज्यादा रेत की खदानें संचालित हैं, जिसमें खुलेआम नियमों व मापदंडो का उल्लंघन किया जा रहा है। जिसमेें खुटेली, डोल पंचायत मे दो रेत खदाने, बारपान, भरूही सहित अन्य रेत खदानें संचालित हैं यहां भी नियमों की अनदेखी करते हुए खुलेआम नदी का जेसीबी व टूटेन मशीनों से सीना चीरकर रेत की निकासी की जा रही है किंतु इन खदानों पर हांथ डालने की हिम्मत प्रशासन को नहीं है, सिर्फ एक खदान पर कार्रवाई को लेकर चर्चा है कि यह कार्रवाई प्रशासन किसी के इशारे पर करने को मजबूर हुआ है।
राजस्व व खनिज विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से मरसरहा मे संचालित रेत खदान का निरीक्षण किया गया, जहां अनुमति से ज्यादा रेत का उत्खनन पाया गया, साथ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया है। छति का आंकलन करने के बाद कार्रवाई की जाएगी, जप्त की गई मशीनों व वाहनों को बहरी पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है।
आरके सिन्हा, उपखंड अधिकारी, सिहावल