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फुटपाथी व्यवसाइयों के लिए बनीं दुकानें आवंटन से पहले हुईं ध्वस्त, सड़क बन गई बाजार, जाने वजह

locationसीधीPublished: Mar 19, 2019 07:22:13 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

अनदेखी: लाखों खर्च के बाद भी सड़क पर लग रहा जाम, कारोबारियों को भी नहीं मिला स्थान

Shops made for footpath businesses destroyed before allocation

Shops made for footpath businesses destroyed before allocation

सीधी. शहर के सौन्दर्यीकरण व अव्यवस्थित यातायात को पटरी पर लाने के लिए जिला प्रशासन एक के बाद एक अनेक प्रयास किए। कुछ हद तक इसका असर भी देखने को मिल रहा है, लेकिन शहर के प्रमुख मार्गों पर ठेले लगाकर चाट-फुल्की की दुकान चलाने वाले व्यवसाइयों के लिए लाखों की लागत से बनाई गई अस्थायी दुकानें खंडहर होने लगी हैं। नगर पालिका प्रशासन ने इन्हें दो वर्ष पहले बनवाया था, लेकिन आज तक जरूरतमंदों को आवंटित नहीं किया जा सका। छत्रसाल स्टेडियम की दीवार से जोड़कर शेड लगवाए गए थे। ऊबड़-खाबड़ जमीन समतल कर पेवर ब्लाक बिछवाए गए थे। लेकिन अनदेखी के कारण दुकानें छतिग्रस्त हो गईं।
मुख्य मार्गों के किनारे व्यापारियों ने सजाई दुकानें
शहर में कोई स्थान निर्धारित न होने कारण के छोटे व्यापारी मुख्य मार्गों के किनारे अव्यवस्थित तरीके से दुकानें सजाए लेते हैं। जिस कारण वाहन चालकों को परेशानी होती है। दिन में कई बार जाम की स्थिति निर्मित होती है। हादसे का खतरा भी बना रहता है। नगर पालिका और यातायात पुलिस के जवान इनके विरुद्ध कभी कार्रवाई करते तो फुटपाथी व्यापारियों द्वारा विरोध किया जाता है। उनका तर्क होता है कि हम लोगों के लिए कोई स्थान सुनिश्चित नहीं है। हम दुकान कहां सजाएं। इस समस्या के निजात के लिए नपा ने दो वर्ष पूर्व शहर के छत्रसाल स्टेडियम के पीछे व दक्षिण दिशा की दीवार से जोड़कर शेड व पेवर ब्लाक लगवाकर फुटपाथी व्यापारियों के लिए अस्थाई दुकानों का निर्माण कराया था।
फुथपाथ परचल रही चाट-फुल्की की दुकान
दुकानें निर्मित होने के बाद फुटपाथ पर चाट फुल्की आदि व्यापार चलाने वालों को यहां शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन एक भी दुकानदार इन दुकानों में शिफ्ट नहीं हुए। इधर, लाखों की कीमत से निर्मित शेड धीरे-धीरे छतिग्रस्त होते जा रहे हैं। और नपा का लाखों रुपए व्यर्थ होता नजर आ रहा है। यहां बता दें कि अस्थायी दुकानें निर्मित करने के बाद नपा ने फुटपाथी व्यापारियों को शिफ्ट करने के लिए किसी प्रकार की सख्ती भी नहीं दिखाई। जिससे व्यापारियों द्वारा यहां दुकाने शिफ्ट करने मेें किसी प्रकार की रुचि भी नहीं दिखाई गई। लिहाजा ये अस्थाई दुकानें कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं।

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