बता दें कि नहर में गिरी बस के लापता यात्रियों की तलाश के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही सेना की भी मदद ली जा रही है। गुरुवार को ही बताया गया था कि नहर में पानी छोड़ा जाएगा ताकि अगर कोई टनल में फंसा हो तो पानी के तेज बहाव से निकल आए। ऐसा ही हुआ लेकिन रेस्क्यू टीम को दो शव ही मिल पाए। इनमें एक की शिनाख्त 25 वर्षीय रमेश विश्वकर्मा के रूप में हुई है जबकि दूसरे शव की शिनाख्त अभी नहीं हो सकी है।
जानकारी के मुताबिक ये शव छुहिया पहाड़ी के टनल के दूसरी ओर गोविंदगढ़ में लगभग डेढ़ किलोमीटर मीटर के दायरे में मिले। दोनों ही शव लगातार तीन दिन से पानी में डूबे होने के कारण फूल गए थे। चेहरा भी विकृत हो गया था। ऐसे में पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है। बड़ी मुश्किल से एक शव की पहचान हो सकी। रमेश के परिवार के लोगों ने उसके कपड़ो से उसे पहचाना। रमेश मूलतः बिहार का निवासी है। उनके पिता राजेंद्र सीधी में लोकनिर्माण विभाग में कार्यरत हैं।
अभी अरविंद की तलाश जारी है। अरविंद के परिजनों का बुरा हाल है। माता-पिता के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे। इसके अलावा पिपरोहर सीधी निवासी योगेंद्र उर्फ विकास शर्मा (23) का भी अभी तक पता नहीं चल सका है।