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केबीसी से चर्चा में आईं ट्रांसफर वाली मैडम के रूप में मशहूर अधिकारी पर प्रमुख सचिव ने की कार्रवाई, जानिए क्यों?

locationसीधीPublished: Mar 18, 2019 01:51:54 am

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

डिंडौरी जिले में ज्वॉइन न करने पर चुरहट तहसीलदार निलंबित, कलेक्टर पर रिलीव नहीं करने का आरोप
 

Amita singh tomar

Amita singh tomar

सीधी. चुरहट तहसीलदार रहीं अमिता सिंह तोमर को प्रमुख सचिव ने निलंबित कर दिया है। इसके पीछे कारण बताया गया है कि उन्होंने स्थानांतरण के बाद भी डिंडौरी जिले में ज्वॉइनिंग नहीं दी थी। इधर, सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने तहसीलदार को डिंडौरी ज्वॉइन करने के लिए रिलीव ही नहीं किया। साथ ही तहसीलदार का प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन है। लिहाजा, इस कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। तहसीलदार अमिता सिंह केबीसी में भाग लेने के दौरान चर्चा में आईं थीं। लगातार ट्रांसफर होने के कारण उन्हें ट्रांसफर वाली मैडम के रूप में भी जाना जाता है।
स्थानांतरण सीधी से श्योपुर के लिए किया गया था
4 जुलाई 2018 को तहसीलदार अमिता सिंह का स्थानांतरण सीधी से श्योपुर के लिए किया गया था। उसी दिन तत्कालीन कलेक्टर ने रिलीव कर दिया और एसडीएम चुरहट अर्पित वर्मा ने भारमुक्त कर दिया था। इस आदेश के विरुद्ध अमिता सिंह तोमर हाईकोर्ट पहुंच गईं। कोर्ट ने डब्ल्यूपी 15038/2018 में 11 जुलाई 2018 को स्टे दे दिया। इस दौरान तत्कालीन कलेक्टर ने अमिता सिंह तोमर के विरुद्ध लंबित की गई शिकायतों में प्रतिवेदन बनाया और 20 जुलाई को कमिश्नर रीवा को भेजा। इसके आधार पर 5 अक्टूबर 2018 को बिना नोटिस दिए कमिश्नर रीवा ने निलंबित कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मुख्यालय बदल कर सीधी जिला कर दिया। अमिता सिंह को जीवन निर्वाह भत्ता तक नहीं दिया तो वे मानवाधिकार आयोग की शरण में पहुंच गईं। इधर, जब हाईकोर्ट जबलपुर ने प्रमुख सचिव राजस्व को 30 दिन में निलंबन पर मेरिट के आधार पर फैसला करने को कहा तो 2 महीने में उन्हें १ मार्च 2019 को बहाल तो किया लेकिन हाईकोर्ट का स्थगन होते हुए भी उनकी पदस्थापना सीधी जिले से डिंडौरी जिले के लिए कर दी गई। अमिता सिंह जैसे ही फिर से कोर्ट की शरण में पहुंचीं वैसे ही प्रमुख सचिव राजस्व ने
डिंडौरी में ज्वॉइन न करने के कारण फिर से 14 मार्च 2019 को निलंबित कर दिया।
कोर्ट की अवमानना
अमिता सिंह के ट्रांसफर पर हाईकोर्ट का स्टे है फिर भी उनका ट्रांसफर किया गया। इस पर अमिता सिंह ने न्यायपालिका की अवमानना और नियमों के विपरीत ट्रांसफर बताया है। उनकी मानें तो इस तरह के निर्णयों के पीछे बहुत बड़ी साजिश है। हाईकोर्ट से स्थगन होने के बाद भी निलंबन से बहाल करते हुए अमिता सिंह को दूसरे जिले में भेज दिया गया। इस आदेश के बाद भी सीधी कलेक्टर ने अमिता सिंह को रिलीव नहीं किया और दूसरा जिला ज्वॉइन न कर पाने के कारण 15 दिन बाद फिर से उन्हें निलंबित कर दिया गया।
मुझे न्याय मिलेगा
मेरा मामला न्यायालय में है। मुझे न्यायालय पर बहुत भरोसा है। मुझे न्याय मिलेगा, बाकी मेरी मानसिक स्थिति अभी कुछ भी कहने की नहीं है।
अमिता सिंह तोमर, तहसीलदार

आरोप पूरी तरह से मिथ्या
तहसीलदार अमिता सिंह तोमर द्वारा लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से मिथ्या हैं। उन्हें सीधे डिंडौरी जिला ज्वॉइन करना चाहिए था। सीधी से रिलीव करने का सवाल ही नहीं उठता। यदि डिंडौरी कलेक्टर द्वारा रिलीविंग आदेश की बात की जाती तो उनको हमारे पास रिलीविंग का आवेदन लगाना चाहिए। उन्हें सस्पेंड के बाद डिंडौरी जिले के लिए बहाल किया गया था तो उन्हें वहां ज्वॉइन किया जाना चाहिए।
अभिषेक सिंह, कलेक्टर सीधी
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