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MP की इस जेल में क्षमता से तीन गुना ज्यादा कैदी, ठूस-ठूस कर भरने से नहीं मिल रही चैन की सांस

MP की इस जेल में क्षमता से तीन गुना ज्यादा कैदी, ठूस-ठूस कर भरने से नहीं मिल रही चैन की सांस

सीधीApr 15, 2018 / 12:33 pm

suresh mishra

sidhi District prison latest news in hindi

सीधी। जिला जेल पडरा में क्षमता से तीन गुना ज्यादा कैदी हैं। वर्र्षों बाद भी यहां सुविधाओं का विस्तार नहीं किया गया। जिससे कैदियों की व्यवस्था बनाने में जेल अधीक्षक को मशक्कत करनी पड़ रही है। बताया गया कि जब से जेल बनी है, तब से कोई अतिरिक्त कार्य यहां नहीं कराए गए। जबकि कैदियों की संख्या में आए दिन बढ़ रही है। पडऱा जेल की क्षमता 190 कैदी रखने की है, लेकिन 242 कैदी रहे रहे हैं।
इनमें से 144 पुरुष एवं 2 महिला विचाराधीन कैदी हैं। जबकि 93 पुरुष तथा 3 महिला दंडित कैदी शामिल हैं। क्षमता से दोगुने कैदी होने के कारण जेल अधीक्षक को प्रत्येक बैरक में ठूस-ठूस कर कैदियों को व्यवस्थित किया जा रहा है। जिला जेल में कुल आठ बैरक हैं। 1 बैरक में 40-45 कैदियों को व्यवस्थित किया जाता है।
सिंगरौली स्थानांतरित हुईं 15 महिला कैदी
सिंगरौली की पचौर जेल में महिला कैदियों के लिए वार्ड नहीं था, जिससे वहां की महिला कैदियों को भी यहां रखा जाता था। लेकिन हाल ही में सिंगरौली जिले की जेल मे महिला कैदी वार्ड का निर्माण कर लिया गया है, ऐसी स्थिति मे पडऱा जेल से 15 महिला कैदियों को सिंगरौली जेल मे स्थानांतरित किया जा चुका है। जिससे पडऱा जेल को हद तक कैदियों की भीड़ से निजात मिली है।
जेल में इन सुविधाओं कर दरकार
जेल का जब से निर्माण हुआ उसके बाद लगातार कैदियों की संख्या तो बढ़ी, किंतु जेल का विस्तार नहीं हो पाया। ऐसे में कैदियों की संख्या को देखते हुए जेल के विस्तार की दरकार बनी हुई है। यद्यपि शासन के द्वारा जेल विस्तार के लिए दो बैरक निर्माण की राशि जारी की गई है। जिसका टेंडर कार्य भी निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा जारी होने के बाद निर्माण कार्य भी पूर्ण हो चुका है। लेकिन अभी तक सुपुर्दगी की कार्रवाई नही हो पाई है।
बैरक में जाने के लिए रोड का अभाव
वहीं जेल के अंदर एक बैरक से दूसरे बैरक में जाने के लिए रोड का अभाव बना हुआ है। जिससे बरसात के दिनों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कैदियों के वस्त्र रखने के लिए बैरक के बीच में कमरे, कैदियों के रिकार्ड या बंदी टिकट को व्यवस्थित रखने के लिए कक्ष, जेल स्टाफो को रहने के लिए तीन आवास गृह, बिजली का अलग से जेल का फीडर की व्यवस्था बनाने की दरकार बनी हुई है। इनमें से अधिकांश कार्यों के लिए प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।
बीएनएच सेवा जल्द
पडऱा जेल में बीएनएच सेवा की अनुमति मिल गई है। यह शुरू होने के बाद कैदी परिजनों से सीधी नहीं बल्कि दूरभाष से वार्तालाप करेेंगे। कांच के कक्ष में अंदर की ओर कैदी और बाहर की ओर परिजन बैठेंगे। दोनों एक दूसरे को देख सकेंगे। बात दूरभाष से ही हो पाएगी।
एक नजर जेल की क्षमता पर
– प्रकार पुरुष महिला कुल
– सश्रम बंदी 80 20 100
– साधारण बंदी 80 0 80
– अस्पताल 06 0 06
– गुनाखाना 03 01 04

बंदियों की स्थिति
– प्रकार पुरुष महिला कुल
– सश्रम कैदी 93 03 96
– साधारण कैदी 144 02 146
यह समस्या सीधी ही नहीं देश भर की जेलों में है। जहां तक सुधार की बात है जब से मैं पदस्थ हुआ, व्यवस्थाएं काफी दुरुस्त हुई हैं। सीसीटीवी कैमरे ठीक करा रहे हैं। भवन निर्माण का प्रस्ताव भेजा है।
कुलवंत सिंह धुर्वे, जेल अधीक्षक
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