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पैदल मार्च से शुरू हुआ किसानों का पांच दिवसीय आंदोलन, गिनाई मांगें

locationसीधीPublished: Jun 05, 2018 01:01:07 pm

Submitted by:

suresh mishra

क्रांतिकारी मोर्चा, माकपा और आम आदमी पार्टी का मिला साथ

Sidhi Kisan andolan news in hindi

Sidhi Kisan andolan news in hindi

सीधी। नई नीति के तहत मुआवजा सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने सोमवार से डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन शुरू कर दिया। रोको, टोंको व ठोको क्रांतिकारी मोर्चा, माक्र्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी व आम आदमी पार्टी के संयुक्त के बैनर तले शुरू आंदोलन के पहले दिन बड़ी संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए। प्रदर्शनकारी सुबह 11 बजे पूजा पार्क में एकत्रित हुए, इसके बाद पदयात्रा निकाली। इसमें नारेबाजी करते हुए वे कलेक्ट्रेट पहुंचे और वीथिका भवन परिसर में आंदोलन शुरू किया।
आठ सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू आंदोलन 24 घंटे तक जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 8 जून तक वे आंदोलन पर डटे रहेंगे। आंदोलन की अगुवाई रोको, टोको, ठोकों संगठन के संयोजक उमेश तिवारी ने किया है। इनके अलावा माक्र्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी व आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी भी क्षेत्रीय किसानों के साथ आंदोलन में शामिल हुए।
ये हैं प्रमुख मांगें
क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने बताया, आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया गया है। इसमें मूसामूड़ी व भुमका गांव में आर्यन पॉवर द्वारा अधिग्रहीत की जा रही जमीन का मुआवजा नई भू-अर्जन नीति के तहत दिया जाए, अन्यथा खसरे में कंपनी की जगह भू-स्वामी का नाम अंकित किया जाए। गुलाब सागर बांध से डूब प्रभावित किसानों को भूमि परिसम्पत्तियों का मुआवजा सिंचित जमीन के बराबर मिले।
42 गांवों का जबरदस्ती विस्थापन

संजय नेशनल पार्क के 42 गांवों का जबरदस्ती विस्थापन बंद हो, वन एवं राजस्व भूमियो में वर्षों से आवाद एवं कास्त आदिवासियों को पट्टा वितरित मिले। तिलवारी में वाटर शेड में कराए गए कार्य का मजदूरी भुगतान किया जाए, आवास योजना में कमीशनखोरी बंद हो। समदा कृषि फार्म के नाम पर 150 एकड़ का फर्जी पट्टा निरस्त कर चुरहट तहसील के मरसर गांव में बसे आदिवासियों को पट्टा तत्काल वितरित किया जाए।
मुस्तैद रही पुलिस
आंदोलन को लेकर पुलिस भी मुस्तैद नजर आई। आधा सैकड़ा जवान आंदोलनकारियों के इर्द-गिर्द घूमते रहे। कुछ पुलिसकर्मी बिना वर्दी के भी स्थिति को भांपते नजर आए। खुफिया एजेंसी भी पल-पल किसानों की मानीटरिंग कर रही थी।
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