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सीधी सांसद रीति पाठक का अभियान विवादों में

सदस्यता के नाम पर पूछी जा रही जाति और पैन-आधार नंबर

सीधीMar 08, 2019 / 10:32 pm

राजीव जैन

When the election comes, MP Riti Pathak remembers ‘development’

भोपाल. सीधी सांसद रीति पाठक भाजपा सदस्यता अभियान के नाम पर लोगों से पैन, आधार, वोटर आइडी नंबर और जाति पूछ रही हैं। संपर्क फॉर समर्थन के लिए रीति की तस्वीर लगा एक फॉर्म छपवाया गया है। फॉर्म में यह भी पूछा गया है कि परिवार में कितने मतदाता हैं और उनमें से कितनों के नाम वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं हैं। निजी जानकारी पूछे जाने पर लोग सवाल उठा रहे हैं। वहीं, प्रदेश संगठन ने इस फॉर्म से अनभिज्ञता जाहिर की है।
भाजपा संगठन इस मामले में रीति से जवाब तलब करेगा। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि संपर्क फॉर समर्थन अभियान का उद्देश्य भाजपा के गैर सदस्य लोगों के बीच जाना और उनको पार्टी की विचारधारा समझाते हुए समर्थन हासिल करना है। आमतौर पर जिन लोगों से संपर्क करते हैं वे समाज के सुपरिचित लोग होते हैं। लिहाजा इस कार्यक्रम के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आइडी देखने की जरूरत पार्टी के कार्यकर्ताओं को नहीं है। किसी संसदीय क्षेत्र में सांसद या कोई सदस्य अगर ऐसे फार्मेट का उपयोग कर रहे हैं तो हम उनसे संपर्क करेंगे कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी।

रीति ने बदले बयान
सांसद रीति पाठक ने गुरुवार दोपहर 12 बजे कहा कि संपर्क फॉर समर्थन के लिए सीधी संसदीय क्षेत्र में फॉर्म भरवाए जा रह हैं, लेकिन उसमें पैन कार्ड और आधार की जानकारी नहीं मांगी गई है। उन्होंने शाम साढ़े सात बजे ‘पत्रिका’ ऑफिस फोन लगाकर कहा कि वे ऐसा कोई फॉर्म नहीं भरवा रही हैं और हो सकता है कुछ लोग उनके नाम-फोटो का प्रयोग कर क्षेत्र में ऐसे फॉर्म भरवा रहे हों।
फर्जी अभियान चला रही हैं सांसद : केदार
रीति के इस अभियान के खिलाफ सीधी के भाजपा विधायक केदार शुक्ला ने मोर्चा खोल दिया है। शुक्ला ने कहा सांसद फर्जी अभियान चला रही हैं। संपर्क फॉर समर्थन में ऐसे फॉर्म भरवाने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, यह भी पता चला है कि सांसद यह काम पार्टी कार्यकर्ताओं के स्थान पर दूसरे लोगों को पैसा देकर करवा रही है। इस बात की शिकायत सीधी जिला अध्यक्ष से भी की है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
इस मामले में कांग्रेस मीडिया सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने कहा कि पैन कार्ड जैसी निजी जानकारी कहीं भी साझा नहीं की जा सकती है। इसका उपयोग सिर्फ इनकम टैक्स के लिए होता है। भाजपा लोगों से पैन नंबर क्यों ले रही है। यह गंभीर विषय है। भाजपा जाति के आधार पर राजनीति करती है, इसलिए फॉर्म में सदस्य बनाते हुए उनकी जाति और उपजाति भी पूछी जा रही है।
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