दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को उनके उत्पाद का पूरा लाभ देने का मन बनाया है। गेहूं और धान ही नहीं अब प्रदेश में सब्जियों के लिए भी समर्थन मूल्य तय करने की तैयारी है। इस दिशा में सीएम चौहान ने सब्जियों के दाम के संबंध में उद्यानिकी विभाग की उच्च स्तरीय बैठक ली। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी सब्जियों आदि उपज का समुचित मूल्य दिलवाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए जाने संबंधी रिपोर्ट तैयार कर उनके समक्ष 2 दिन में प्रस्तुत की जाए।
कहा कि, हमारा किसान दिन-रात पसीना बहाकर उत्पादन करता है लेकिन अधिक मुनाफा बिचौलिए ले जाते हैं। ऐसे में ऐसी बाजार व्यवस्था विकसित करने की जरूरत है, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले। सब्जियों के थोक व खुदरा मूल्य में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए। सब्जियों के समर्थन मूल्य निर्धारित किए जाने के संबंध में रिपोर्ट तैयार की जाए।
बैठक में बताया गया कि केरल आदि राज्यों में सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाने की व्यवस्था है। केरल में इसके लिए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि पशुपालन व संबंधित विभागों के अधिकारी सब्जी मंडियों आदि का औचक निरीक्षण कर देखें कि किसानों से सब्जी किस मूल्य पर खरीदी जा रही है और उपभोक्ता को किस मूल्य पर मिल रही है। थोक व खुदरा मूल्य में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए।
मुख्य सचिव बैंस ने कहा कि प्रदेश में सब्जियों आदि के परिवहन पर कहीं भी किसी प्रकार की रोक नहीं है। किसान आसानी से किसी भी मंडी अथवा स्थान पर अपनी फसलें लाना-ले जाना कर सकते हैं।
बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव उद्यानिकी और अन्य संबधित अधिकारी उपस्थित थे।