उल्लेखनीय है कि इस बार भाजपा विधायक सहित संगठन के कुछ पदाधिकारी रीति पाठक को प्रत्याशी बनाए जाने के समर्थन में नहीं थे। यही वजह थी कि सीधी से पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा, सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष लालचंद गुप्ता, सिहावल के पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक व सिंगरौली जिले से पार्टी अध्यक्ष कान्तिदेव सिंह व पूर्व जिलाध्यक्ष गिरीश द्विवेदी ने दावेदारी जताई थी।
भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद रीति पाठक को सबसे बड़ी चुनौती अपनों से ही मिलने वाली है। पार्टी में ही कुछ लोग तो पहले ही खुले तौर पर उनकी खिलाफत कर चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में इस बार कांग्रेस सरकार है। हो एक-एक सीट जीतने के लिए विशेष रणनीति पर काम कर रही है। सीधी से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को चुनाव लडऩे की संभावना है। और यदि ऐसा हुआ तो भाजपा को इस बार कुछ ज्यादा ही मेहनत करनी पड़ सकती है। क्योंकि, पंचायत मंत्री व सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल को भी इस सीट की जिम्मेदारी कांग्रेस आलाकमान ने सौंपी है।