scriptमप्र में संविदा कर्मचारियों के बढ़ाई सरकार की मुश्किल, लिया बड़ा निर्णय | The government's difficulties to increase contractual employees in MP | Patrika News

मप्र में संविदा कर्मचारियों के बढ़ाई सरकार की मुश्किल, लिया बड़ा निर्णय

locationसीधीPublished: Mar 16, 2018 01:40:04 am

Submitted by:

Sonelal kushwaha

नियमितीकरण के लिए प्रदेश के संविदा कर्मचारी लामबंद हैं, आंदोलन शूरू

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सीधी. संविदा कर्मचारी महासंघ गुरुवार को वीथिका भवन परिसर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। अब तक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। गुरुवार को उनके समर्थन में संविदा संयुक्त मोर्चा भी आ गया। संयुक्त मोर्चा पहले मुख्यमं़त्री के आश्वासन पर हड़ताल खत्म कर दी थी, लेकिन वादाखिलाफ ी का आरोप लगाते हुए 15 से फिर से हड़ताल शुरू कर दी।
साझा करेंगे मंच
संविदा संयुक्त मोर्चा की अनिश्चितकालीन हड़ताल में 10 विभागों कें संविदा कर्मचारी शामिल हैं, इनके हड़ताल पर चले जाने से विभागों के समस्त कार्य प्रभावित होंगे। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हडताल 19 फरवरी से जारी है। अब उनके साथ अन्य विभागों के संविदा कर्मचारी भी मंच साझा करेंगे।
जनता को परेशानी
चेतावनी दी है कि जब तक संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण और निष्कासित कर्मचारियों की वापसी नहीं हो जाती, हड़ताल जारी रहेगी। कहा, मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी संविदा कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं किया जा रहा। हड़ताल के चलते सभी विभागों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। यही हाल रहा तो लग रहा है कुछ दिन बाद कर्मचारी सड़कों पर ही होंगे।
इधर, शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन
मझौली जनपद सीईओ के विरोध में शिक्षक लामबंद हो गए। गुरुवार को शिक्षक संघ द्वारा एसडीएम मझौली को ज्ञापन सौंपकर सीईओ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है। दरअसल, शिक्षक संघ सीईओ से इस बात को लेकर नाराज है कि उन्होंने महिला पर्यवेक्षक पर अकारण कार्रवाई करते हुए हटा दिया है।
ये है मामला
बताया गया, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टिकरी में १२वीं अर्थशास्त्र की परीक्षा चल रही थी। इसमें जनपद सीईओ ने निरीक्षण किया, वहीं पर पर्यवेक्षकीय कार्य कर रही शिक्षिका प्रमिला उपाध्याय को बिना कारण सिर्फ नाम पूछ कर ही यह कहा गया कि तुम पर्यवेक्षकीय कार्य करने के लायक नहीं हो, वही केंद्राध्यक्ष को मौखिक निर्देश देकर महिला कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से पर्यवेक्षकीय कार्य से हटा दिया गया।
कार्रवाई से नाराज
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि बिना किसी कदाचरण के किसी कर्मचारी को इस तरह से पर्यवेक्षक के कार्य से हटाना मानसिक उत्पीडऩ का परिचायक है। जनपद सीईओ द्वारा निरीक्षण पंजी के पेज-7 में अंकित टीप में भी कहीं भी प्रमिला उपाध्याय के कदाचरण का उल्लेख नहीं किया गया और न ही कक्षा में अव्यवस्था उल्लेखित किया गया। जबकि जनपद सीईओ ने लिखा कि परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संचालित की जा रही है, ऐसे में जनपद सीईओ ने पर्यवेक्षक के विरुद्ध की गई कार्रवाई से शिक्षक संघ नाराज है।
बहिष्कार की चेतावनी
ज्ञापन देकर शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि सीईओ के विरुद्ध कार्रवाई न हुई तो शिक्षक बोर्ड की परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। ज्ञापन सौंपते समय मुख्य रूप से सीपी तिवारी, शैलेंद्र सिंह, कमलेश द्विवेदी, केके मिश्रा, सुधा सिंह, प्रमिला उपाध्याय सहित शिक्षक उपस्थित रहे।
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