पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश को सीधी पुलिस नहीं दे रही तबज्जो
सीधीPublished: Feb 19, 2020 08:43:29 pm
ऑनलाइन ठगी के मामलों में नहीं दर्ज की जा रही एनसीआर, दर्जनों शिकायती आवेदन पुलिस थानों में खा रहे धूल, जिले में लगातार बढ़ रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले, लोगों के खाते से उड़ा दी जाती है राशि
The police is not giving direct instructions to the Inspector General
सीधी। पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन रीवा चंचल शेखर द्वारा संभाग के समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षक सहित सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया था कि ऑनलाईन धोखाधड़ी के शिकार लोगों की शिकायत पर तत्काल थानों में भादवि की धारा ४२४ का अदमचेक एनसीआर आवश्यक रूप से दर्ज करें ताकि फरियादी इस अदमचेक रिकार्ड को बैंक में प्रस्तुत कर अपना दावा कर सके। आईजी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा उक्त निर्देश का पालन करने के लिए जिले के सभी थाना व पुलिस चौकी प्रभारियों को भी निर्देशित कर दिया गया था, लेकिन थाना व चौकी प्रभारी उक्त निर्देश के पालन में पूरी तरह से बेपरवाह बने हुए हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी संबंधी शिकायतों पर एनसीआर दर्ज नहीं की जा रही है, जिससे शिकायतकर्ताओं को परेशान होना पड़ रहा है।
दरअसल वर्तमान समय में ऑनलाइन ठगी व धोखाधड़ी संबंधी मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गिरोह बनाकर सक्रिय लोग उपभोक्ताओं के बैंक खातों ऑनलाइन धोखाधड़ी कर राशि आहरित कर लेते हैं, उपभोक्ताओं को ठगी का शिकार होने की जानकारी तब होती है जब उनके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से खाते से राशि निकल जाने की सूचना प्राप्त होती है। इसके बाद उक्त शिकायत को लेकर उपभोक्ता पुलिस व बैंक के चक्कर लगाने लगता है, लेकिन बैंक द्वारा बिना कोई ठोस पुलिस रिपोर्ट के कोई सुनवाई नहीं करता। इधर शिकायतकर्ता थानो के चक्कर लगाता रहता है लेकिन थाना पुलिस द्वारा जांच के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। मामला संज्ञान में आने पर इसे गंभीरता से लेते हुए आईजी रीवा रेंज रीवा चंचल शेखर द्वारा ऐसी शिकायतों पर तत्काल एनसीआर दर्ज करने के निर्देश पुलिस अधीक्षकों को जारी किए हैं। बावजूद इसके सीधी जिले के पुलिस थानों में खासकर सिटी कोतवाली में आईजी रीवा व पुलिस अधीक्षक सीधी के उक्त निर्देश को तवज्जो नहीं दी जा रही है, सिटी कोतवाली में अभी भी बैंक खातों से आनलाईन ठगी व धोखाधड़ी के माध्यम से राशि आहरित कर लिए जाने संबंधी शिकायती आवेदन जांच की कोरमपूर्ति के नाम पर धूल खाते पड़े हुए हैं।
केश नंबर-1
भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा सीधी के उपभोक्त ा महिपाल सिंह पिता भागीरथ ङ्क्षसह के बैंक खाते से 21 हजार 859 रूपए धोखाधड़ी कर निकाल लिया गया था। इनके मोबाइल नंबर पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा शाखा प्रबंधक बनकर फोन किया गया था और नया एटीएम जारी करने एवं पुराना एटीएम की वैधता समाप्त होने की बात करते हुए उनसे आधार कार्ड नंबर, पैन नंबर व एटीएम की जानकारी ले ल गई थी, इसके बाद दो किश्तो में खाते से 21 हजार 859 रूपए अन्य खाते में ट्रांसफर कर लिए गए। पीडि़त द्वारा शिकायती आवेदन 19 जनवरी 2020 को सिटी कोतवाली में दिया गया था, जिसे जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
केश नंबर-2
कमर्जी थानांतर्गत पटपरा निवासी दिनेश पिता भद्रकुमार प्रजापति के खाते से धोखाधड़ी कर 50 हजार रूपए की खरीदी कर ली गई थी। इनका खाता एक्सिस बैंक शाखा सीधी में संचालित है, उपभोक्ता का क्रेडिट कार्ड बैंक द्वारा जबरन जारी कर दिया गया था, लेकिन उपभोक्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं किया। इसके बावजूद 24 जून 2017 से 18 अगस्त 2017 तक 50 हजार 55 रूपए का कर्ज क्रेडिट कार्ड के माध्यम से तैयार कर लिया गया। पीडि़त 10 फरवरी 2020 को मामले की शिकायत सिटी कोतवाली में करते हुए बताया गया था खाते से फर्जी तरीके से ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से 50 हजार 55 रूपए आहरित या खरीददारी कर लिए गए, लेकिन कोतवाली पुलिस द्वारा मामले को जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
केश नंबर-3
बिहार राज्य के जिला सारण के छपरा निवासी बृजमोहन सिंह पिता जगनारायण सिंह सीधी शहर के महर्षि विद्या मंदिर जोगीपुर में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। इनके साथ अज्ञात कंपनी द्वारा ऑनलाइन ठगी व धोखाधड़ी के माध्यम से 8650 रूपए का चूना लगा दिया गया। पीडि़त द्वारा पूरे मामले की शिकायत 8 फरवरी 2020 को सिटी कोतवाली सीधी में की गई। लेकिन हमेशा की तरह इनके शिकायती आवेदन को भी पुलिस जांच की कोरमपूर्ति के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। पीडि़त ठगी की गई राशि वापस पाने के लिए पुलिस का चक्कर लगाने को मजबूर है।
केश नंबर-4
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा सीधी के उपभोक्ता शिवांशु पांडेय के बैंक खाते से ऑनलाइन ठगी व धोखाधड़ी के माध्यम से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दस हजार रूपए स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर कर लिए गए। पीडि़त द्वारा 6 फरवरी 2020 को मामले की शिकायत सिटी कोतवाली सीधी में की गई, लेकिन पुलिस द्वारा इनके शिकायती आवेदन को भी जांच की कोरमपूर्ति के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
केश नंबर-5
तहसील सिहावल अंतर्गत ग्राम पहाड़ी निवासी दादूलाल सिंह पिता भागीरथ सिंह का खाता यूनियन बैंक डीपी कांपलेक्स सीधी में संचालित है, इनके खाते से गत 9 फरवरी 2020 को पांच हजार रूपए ऑनलाइन आहरित कर लिया गया। राशि कैसे गायब हुई इसका उपभोक्ता को पता ही नहीं चला। पीडि़त द्वारा मामले की शिकायत सिटी कोतवाली में की गई, लेकिन इनके शिकायती आवेदन को भी सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
केश नंबर-6
सिटी कोतवाली अंतर्गत ग्राम सतनरा पवाई निवासी महेंद्र कुमार गुप्ता पिता रामकृष्ण गुप्ता के साथ एक कंपनी द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी व ठगी करते हुए 4500 रूपए का चूना लगा दिया गया। पीडि़त द्वारा मामले की शिकायत सिटी कोतवाली सीधी में 10 फरवरी 2020 को की गई, लेकिन इस मामले को भी कोतवाली पुलिस द्वारा जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
केश नंबर-7
सिटी कोतवाली सीधी अंतर्गत ग्राम भमरहा पोष्ट पिपरोहर निवासी विभूति नारायण मिश्र पिता रामजन्म मिश्र के साथ ऑनलाइन ठगी व धोखाधड़ी करते हुए राहुल शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा अपने निजी खाते में पीडि़त के खाते से पंद्रह हजार रूपए ट्रांसफर कर लिए गए। पीडि़त द्वारा मामले की शिकायत सिटी कोतवाली सीधी में की गई, लेकिन कोतवाली पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
केश नंबर-8
शाउमावि सीधी क्रमांक-2 के प्रधानाध्यापक जगवंदन ङ्क्षसह के साध धोखाधड़ी कर एटीएम बदलकर उनके खाते से 30 हजार रूपए आहरित कर लिए गए। यह घटना 7 फरवरी 2020 की है। पीडि़त द्वारा उसी दिनांक को मामले की शिकायत सिटी कोतवाली सीधी में की गई। कोतवाली पुलिस ने इस मामले को भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
आवेदन देने के बाद गायब हो जाते हैं फरियादी-
ऑनलाइन ठगी के शिकार होने वाले लोग शिकायती आवेदन देने के बाद गायब हो जाते हैं, जिससे आवेदन पड़े रह जाते हैं, जो लोग आते हैं उनका एनसीआर दर्ज कर लिया जाता है।
शेषमणि पटेल, टीआई सिटी कोतवाली सीधी