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आसमान से आफत की बारिश, खलिहान में रखी फसल हुई खराब

locationसीधीPublished: Oct 21, 2019 12:51:57 pm

Submitted by:

Manoj Kumar Pandey

किसानों पर प्रकृति कर रही आफत की बारिश, पहले अतिवृष्टि से खेतों में खराब हुई फसल, अब बेमौसम बारिश से खलिहानों में खराब रही फसल, दिन भर नहीं हुए सूर्य देव के दर्शन, रिमझिम बारिश के साथ छाया रहा कोहरा

The rain from the sky, the crop kept in the barn was spoiled

The rain from the sky, the crop kept in the barn was spoiled

सीधी/हनुमानगढ़। अतिवृष्टि के रूप में किसानों की फसल पर कहर बरपा चुकी प्रकृति द्वारा अब बेमौसम बारिश किसानों की फसलों के लिए नुकसानदेह सावित हो रही है। जिले के विभिन्न अंचल में शनिवार से हो रही रुक-रुक कर बारिश से किसान चिंतित हो गए हैं। यह बारिश किसानों के लिए आफत की बारिश मानी जा रही है, क्योंकि बारिश की वजह से किसानों की खलिहानों में रखी फसल भीगकर खराब हो रही है।
गौरतलब है कि इस वर्ष जरुरत से ज्यादा बारिश होने के कारण किसानों की मुख्य रुप से उड़द मूंग जैसी दलहनी फसल व तिल की तिलहनी फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी थी, लेकिन बची कुची दलहन व तिल की फसल किसान कटाई कर खलिहान मे रखे ही थे की फिर पकृति का कहर बारिश के रुप मे टूट पड़ा, किसानों की माने तो यदि इसी तरह तीन चार दिन मौसम रहा तो फसल सड़कर बर्बाद हो जाएगी।
हनुमानगढ़ अंचल मे ज्यादा नुकशान-
वैसे तो शनिवार से जिले भर में रूक-रूक कर शुरू हो गया था, जो लगातार रविवार को भी जारी रहा। रविवार को पत्रिका के द्वारा हनुमानगढ़ अंचल के खैरा चौहान, बोकरो, कनकटी आदि गांवो का भ्रमण कर किसानों की फसल का जायजा लिया गया तो सबसे ज्यादा तिल की फसल बारिश से प्रभावित होना पाया गया। गौरतलब है कि अंचल मे बलुई मिट्टी होने व समय समय पर बारिश होने से मुख्य रुप से तिल की अच्छी पैदावार हुई है, लेकिन अब एक बार फिर मानसून सक्रिय होने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है।
किसानों ने बयां किया दर्द-
………लगातार तीन-चार वर्षों से प्रकृति का कहर जारी है, इस वर्ष तिल की फसल देखकर लग रहा था कि पुराने जख्म भर जाएंगे, लेकिन लगता है तिल खलिहान मे फिर उग जाएगी। इधर सरकार द्वारा भी फसल बीमा का सपना दिखाकर प्रति सीजन चार पांच हजार रुपए खाते से काट लिया जाता है और फसल खराब होने पर भी फूटी कौड़ी नहीं मिलती। कोई सुनने वाला भी नहीं है।
श्रीकांत तिवारी, किसान खैरा कनकटी
……..चार एकड़ के रकवे मे अरहर तिल व उड़द की अधिया मे खेती किया था, दिन रात आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए रखवाली की, जब फसल तैयार होने की स्थ्ििात में आई तो अतिवृष्टि से कुछ फसल खराब हो गई, बची फसल कटाई कर खलिहान मे लाया तो शनिवार से मौसम खराब हो जाने से मंसूबे मे पानी फिरता जा रहा है।
शेषमणि कोल, किसान खैरा
……..इस वर्ष दलहन व तिलहन की खेती मे अच्छी फसल तैयार हो रही थी, लग रहा था पैदावार अच्छी होने से मुनाफा होगा, लेकिन पिछले माह कई दिनों हुई मुसलाधार बारिश से दलहन की फसल नष्ट हो गई और अब तिल की फसल बची थी तो लगता है इस बेमौसम बारिश से उससे भी हांथ धो बैठूंगा।
बिरझू कोल, किसान खैरा
…….अगर दो-तीन दिनों तक इसी प्रकार मौसम रहा तो खलिहान में गहाई के लिए रखी सारी तिलहनी फसल चौपट हो जाएगी। नेता भी वोट के समय तरह-तरह के वायदे कर के चले जाते हैं। फसल बर्बाद हो जाती है तो फूटी कौड़ी नहीं मिलती। किसानों की सारी योजनाएं पता नहीं कहां गायब हो जाती हैं।
गंगा प्रसाद राव, किसान खैरा
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